रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आदिवासियों के खिलाफ पुलिस ने थानों में मामले दर्ज किए थे. अब उन आदिवासियों को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ए.के. पटनायक की अध्ययक्षता में कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी की समीक्षा के बाद 31 मई 2021 तक अलग-अलग न्यायालयों में दर्ज 718 प्रकरणों की वापसी हुई है. इस तरह अब तक 944 अनुसूचित जनजाति वर्ग के आदिवासियों को दोषमुक्त किया गया है.

आदिवासियों को राहत देने बनी थी कमेटी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्दाेष आदिवासियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए.के. पटनायक की अध्यक्षता में 2019 में कमेटी का गठन किया गया था. जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को भी आदिवासियों के खिलाफ दर्ज नक्सल मामलों की छानबीन कर निर्दाेष आदिवासियों को राहत देने के निर्देश दिए गए थे.

वर्तमान में सिर्फ 33 प्रकरण लंबित

कोर्ट के माध्यम से आदिवासियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए जस्टिस पटनायक कमेटी के सामने प्रकरण विचार करने प्रस्तुत किए गए थे. जिनमें से समिति ने 627 प्रकरणों की वापसी की अनुशंसा की है. पटनायक समिति की अनुशंसा के आधार न्यायालय से 594 प्रकरण वापस लिए जा चुके हैं. जिनमें 726 व्यक्तियों को लाभ मिला है. वर्तमान में सिर्फ 33 प्रकरण न्यायालय से वापसी के लिए लंबित हैं.

124 प्रकरण में 218 आदिवासी दोषमुक्त 

इसी तरह पुलिस विभाग ने 365 नक्सल प्रकरणों को न्यायालयों में स्पीडी ट्रायल के लिए चिन्हित किया है. जिसमें से न्यायालय ने 124 प्रकरणों को दोषमुक्त करते हुए 218 आदिवासियों को लाभ पहुंचाया है. इसमें दंतेवाड़ा जिले के 24 प्रकरणों में 36 लोग, बीजापुर जिले में 44 प्रकरणों में 47 लोग, नारायणपुर जिले में 7 प्रकरणों में 9 लोग और कोण्डागांव जिले में 3 प्रकरणों में 9 लोगों को दोषमुक्त किया गया है. इसी तरह कांकेर जिले में 1 प्रकरण में 6 लोग, सुकमा जिले में 44 प्रकरणों में 109 लोग और राजनांदगांव जिले में 1 प्रकरण में 2 लोगों को दोषमुक्त किया गया है.

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