मंत्री जी उवाच- चुनाव हार गए और सिफारिश कर रहे हैं
अपने समर्थकों के साथ बंगले में बैठे मंत्रीजी के पास चुनाव हारे नेताजी का सिफारिश पत्र पहुंचा तो मंत्रीजी सबसे सामने ही नेताजी पर चुटकी ले बैठे. अफसर नोटशीट लेकर आए कि निलंबित फलां अधिकारी को बवाल कर दिया गया है, लेकिन पोस्टिंग बदलवाने के लिए नेताजी का सिफारिशी पत्र आया है. मंत्रीजी ने पूरा पत्र पढ़ा, फिर बोले कि खुद तो चुनाव हार गए हैं. और अब मंत्री को सिफारिश भेज रहे हैं. हालांकि मंत्रीजी ने नेताजी के कद की इज्जत रखते हुए सिफारिशी पत्र पर चिढ़िया बैठा दी.
बेटा लाइक नहीं किया ऐसे तो हाथ से निकल जाएगा
बीजेपी के एक मोर्चा में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पर आसीन एक महिला नेत्री उनको सौंपे गए कामकाज को लेकर बेहद संजीदा नजर आ रही हैं. पार्टी की ओर से सौंपी गई जिम्मेदारी की खुद माॅनिटरिंग कर रही हैं. माॅनिटरिंग के दौरान मामला पकड़ में आया तो फोन लगाकर नेत्री ने कहा कि बेटा बार-बार निर्देश जारी करने के बाद भी तुमने एक भी लाइक नहीं किया है. ऐसे फिर मामला तुम्हारे हाथ से निकल जाएगा. आपको बता दें नेत्री जी को सौंपी गए कार्य की सोशल माॅनिटरिंग जोर-शोर से चल रही है.
मुख्यमंत्री को अपने क्षेत्रों में बुलाने की होड़
मध्य प्रदेश के नए प्रदेश मुखिया को कार्यक्रमों में बुलाने के लिए बीजेपी के नेताओं में ही होड़ सी लग गई है. विधायकों से लेकर मंत्री चाहते हैं कि मुखिया के सबसे अधिक कार्यक्रम उनकी विधानसभाओं में होंत्र, ऐसे में विधायक-मंत्री एक ही कार्यक्रम एक से अधिक बार अपने क्षेत्रों में आयोजित करने में जुटे हुए हैं. हालांकि मुखिया सब कुछ भली-भांति समझते हैं.
मंत्री जी का फोटो सेशन
इन दिनों राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर धूम मची के साथ होड़ मची हुई है। होड़ भी मंदिरों में सफाई की और फोटो सेशन की। ऐसा ही एक वीडियो चर्चा में है। दरअसल, राजधानी के 1100 क्वाटर स्थित मंदिर में एक मंत्री जी सफाई करने पहुंचे। सफाई के दौरान तीन बार तो मंत्री जी ने फोटोग्राफर को यहां से वहां किया। फोटो खींचने के बाद मंत्री जी भी निकल लिए। अच्छी बात तो यह है कि यह फोटो सेशन और दिखावटी सफाई का वीडियो फिलहाल कांग्रेस के हाथ नहीं लगा। नहीं तो, फिर मचती हाय तौबा।
जब उड़ गए अफसरों के होश
राजधानी समेत पूरे प्रदेश में कुत्तों का आतंक है। बीते दिनों राजधानी में एक के बाद डॉग बाइट की घटनाएं सामने आई। एक मंत्री जी ने अफसरों को तलब किया। दरअसल, हुआ यूं कि मंत्री जी के स्टॉप के एक नहीं बल्कि तीन-तीन दिन लोगों को कुत्तों को शिकार बनाया। मंत्री के सामने अफसरों की सफाई भी काम नहीं आई। कुछ देर बात सुनने के बाद मंत्री जी ने साफ बोला कि कितना कमीशन मिलता है। कुछ तो नौकरी बजाओ। जांच के बाद सड़क पर ही नपोगे। सुनते ही अफसरों के होश उड़ गए। उस दिन तो रात में भी मंत्री जी के क्षेत्र में कुत्ता अभियान चला।
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