कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीजेपी के उन पत्रों का कोई जवाब नहीं देने के लिए शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई जो उसने राज्य में अपनी रथयात्राओं के लिए अनुमति मांगने के लिए लिखे थे.

कलकत्ता. पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रस्तावित रथ यात्रा को लेकर मचे घमासान के बीच पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को अपना कोलकाता का दौरा स्थगति कर दिया. हालांकि उन्होंने दिल्ली में शुक्रवार को कहा कि बीजेपी की रथयात्राएं रद्द नहीं बल्कि स्थगित हुई हैं.

इससे पहले, कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीजेपी के उन पत्रों का कोई जवाब नहीं देने के लिए शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई जो उसने राज्य में अपनी रथयात्राओं के लिए अनुमति मांगने के लिए लिखे थे. अदालत ने साथ ही राज्य के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रथयात्राओं पर 14 दिसंबर तक कोई निर्णय करें.

जस्टिस विश्वनाथ सोमादर और जस्टिस ए मुखर्जी की पीठ ने कहा कि अनुमति को लेकर सरकार की चुप्पी ‘आश्चर्यजनक और चौंकाने वाली है.’ अदालत ने एकल पीठ के गुरुवार के उस आदेश के खिलाफ बीजेपी की ओर से दायर अपील का निस्तारण कर दिया जिसमें पार्टी को उसकी रथयात्रा के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था. अदालत ने राज्य को निर्देश दिया कि वह बुधवार तक बैठक करे.

अदालत ने निर्देश दिया कि मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक 12 दिसंबर तक बीजेपी के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें और 14 दिसंबर तक मामले में कोई निर्णय करें. पीठ ने कहा कि एकल पीठ द्वारा रैली पर रोक नहीं लगानी चाहिए थी. पीठ ने गुरुवार के अंतरिम आदेश में तदनुसार संशोधन कर दिया. पीठ ने राज्य में तीन रथयात्राएं करने के लिए अनुमति के वास्ते बीजेपी की ओर से लिखे गए पत्रों का जवाब नहीं देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की.

जस्टिस तपव्रत चक्रवर्ती की एकल पीठ ने गुरुवार को कहा कि वह कूचबिहार में बीजेपी की रैली के लिए इस वक्त इजाजत नहीं दे सकती जब पश्चिम बंगाल सरकार ने इस आधार पर इस कार्यक्रम को इजाजत देने से इनकार कर दिया है कि यह साम्प्रदायिक तनाव पैदा कर सकता है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार को इस रैली को हरी झंडी दिखाने वाले थे.

  • तीन रथयात्रा निकाले की योजना

गौरतलब है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में बीजेपी की तीन रथयात्राओं में से कूचबिहार की रथयात्रा पहली थी. दो अन्य रथयात्राएं नौ दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप से और 14 दिसंबर को बीरभूम जिले के तारापीठ मंदिर से शुरू होनी थी.

  • यात्राएं रद्द नहीं, महज स्थगित हुई हैं

दरअसल, अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा का जनाधार बढ़ने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भयभीत हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा दल को तीन यात्राओं की अनुमति नहीं देकर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख राज्य में लोकतंत्र का “गला घोंट” रही हैं. ममता बनर्जी सरकार से इजाजत नहीं मिलने और अदालत से भी राहत नहीं मिलने पर बीजेपी को राज्य में अपनी तीन ‘रथ यात्राएं’ रद्द करनी पड़ गई, जिसके बाद शाह ने यह प्रहार किया है. शाह ने दिल्ली में कहा, ‘हम निश्चित तौर पर यात्राएं निकालेंगे और हमें कोई भी व्यक्ति नहीं रोक सकता. पश्चिम बंगाल में बदलाव के प्रति बीजेपी प्रतिबद्ध है. ‘यात्राएं’ रद्द नहीं हुई हैं, महज स्थगित हुई हैं. ‘

  • बीजेपी पर बिफरी कांग्रेस

कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल में ‘रथयात्रा’ निकालने की घोषणा करके अदालत के आदेश का ‘राजनीतिकरण’  कर रहे हैं. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘ पूरा मामला (यात्रा से जुड़ा हुआ) कलकत्ता हाई कोर्ट के संज्ञान में है और जहां तक मैंने समाचार पत्रों के माध्यम से पढ़ा है कि जो वो यात्रा निकाल रहे हैं, उस पर अदालत ने कोई पाबंदी लगा रखी है. जब मामला हाई कोर्ट के संज्ञान में हो तो इस बात की शुचिता और मर्यादा की अनुपालना हम सब करते आए हैं, जब तक कि निर्णय न हो जाए.’ उन्होंने कहा, ‘वह जाकर अदालत से ये क्यों नहीं कहते कि जो निर्देश आपने जारी किया, वो गलत है उसे हटा दीजिए और अपनी यात्रा करें. परंतु वह ऐसा नहीं कर रहे. वह उच्च न्यायालय के आदेशों का राजनीतिकरण कर रहे हैं. मुझे लगता है कि ये अनुचित है और लोगों को बहकाने, बरगलाने का उनका एक और कुत्सित प्रयास है.