SM Krishna Passes Away: कर्नाटक के पूर्व सीएम और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे एसएम कृष्णा का निधन हो गया है। एसएम कृष्णा ने 92 वर्ष की उम्र में मंगलवार को बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक़ आज सुबह 2:45 बजे उन्हें हार्ट अटैक (heart attack) आने से उनकी मौत हो गई। कृष्णा को पिछले एक साल से उन्हें सांस लेने में समस्या आ रही थी। उनका इलाज चल रहा था। उनके पार्थिव शरीर को आज मद्दुर (Maddur) ले जाया जाएगा।
उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।उनके निधन पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और प्रियांक खरगे समेत कई दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
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एसएम कृष्णा के निधन की जानकारी देते हुए प्रियांक खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा- श्री एसएम कृष्णा के निधन से गहरा दुख हुआ। एक मुख्यमंत्री और नेता के रूप में उन्होंने राज्य और राष्ट्र पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उनकी दूरदर्शिता और समर्पण ने कर्नाटक की प्रगति को आकार दिया और बेंगलुरु के लिए उनके कॉर्पोरेट दृष्टिकोण ने उन्हें कई लोगों का प्रिय बना दिया. हम अभी भी बेंगलुरु को एक वैश्विक शहर के रूप में स्थापित करने के उनके दृष्टिकोण का लाभ उठा रहे हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
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शुरुआती जीवन
एसएम कृष्णा, जिनका पूरा नाम सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा था, का जन्म 1 मई, 1932 को मांड्या जिले के सोमनाहल्ली गाँव में हुआ था। उनका पूरा नाम सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा है। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मैसूरु में प्राप्त की। उन्होंने बेंगलुरु के सरकारी लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। वे फुलब्राइट स्कॉलर भी रहे। कृष्णा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत मांड्या से विधायक के रूप में की थी। 1962 में वे एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीते थे। 1964 में उन्होंने प्रेमा से शादी की।
राजनीतिक जीवन
कृष्णा ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे लोकसभा सदस्य, राज्यसभा सदस्य, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और MLC भी रहे। उन्होंने महाराजा कॉलेज, मैसूरु, सरकारी लॉ कॉलेज, बेंगलुरु, सदर्न मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटी, डलास टेक्सास, यूएसए से पढ़ाई की। फुलब्राइट स्कॉलर के रूप में उन्होंने जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन डीसी, यूएसए से भी शिक्षा प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले वे श्री जगद्गुरु रेणुकाचार्य लॉ कॉलेज, बेंगलुरु में अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर भी रहे।
पहले सीएम फिर विदेश मंत्री
1989 से 1994 तक वे नौवीं कर्नाटक विधानसभा के सदस्य और 1989 से 1992 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। मार्च 1990 में उन्होंने वेस्टमिंस्टर, यूके में राष्ट्रमंडल संसदीय संगोष्ठी में भाग लिया। 1992 से 1994 तक वे कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री रहे। अप्रैल 1996 से अक्टूबर 1999 तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे। 11 अक्टूबर, 1999 से 20 मई, 2004 तक उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद वे केंद्रीय मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री बने। 2004 से 2008 तक वे महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे।
2017 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए
वे साल 1999 से 2004 कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे और वर्ष 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे थे। 22 मई 2009 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कृष्णा को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया और 23 मई 2009 विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी। मार्च 2017 में एसएम कृष्णा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। 2023 में सरकार ने एसएम कृष्णा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
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