सुमन शर्मा, कटिहार. Katihar News: टिहार से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है. यहां कोढ़ा थाना क्षेत्र के गोड़ाबाड़ी जुराबगंज स्थित जीवन ज्योति हेल्थ केयर में प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बच्चों के परिजनों से पंद्रह हजार रुपये की मांग की, जब बच्चे के परिजनों के द्वारा राशि देने से इंकार किया गया तो नर्सिंग होम प्रबंधन के द्वारा बच्चे के शव को बंधक बना लिया और कहा गया कि जब तक राशि नहीं दोगे तब तक मृत नवजात का शव नहीं सौपेंगे.

24 घंटे तक शव को रखा बंधक

परिजनों ने इसकी शिकायत कोढ़ा के चिकित्सा पदाधिकारी अमित आर्य और एसडीपीओ धर्मेंद्र कुमार को लिखित आवेदन देकर की जिसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और नवजात के शव को परिजनों के सुपुर्द किया गया. आवेदन में पीड़ित परिवार के परिजन कुंदन कुमार ने लिखा है कि मेरे भाई रवीश कुमार साह (23 वर्ष) की पत्नी विभा कुमारी (21 वर्ष) प्रसव कराने हेतु आशा रुक्मिणी देवी ग्राम दियरा चांदपुर, थाना पोठिया ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समेली ले गई. कुछ देर बाद उसके द्वारा गेड़ाबाड़ी कोढ़ा में स्थित जीवन ज्योति हेल्थ केयर को लेकर चले गये. इसके बाद जीवन ज्योति हेल्थ केयर में भर्ती कर लिया गया, जहां फर्जी डॉक्टर के द्वारा इलाज कर दिया गया, जिसमें नवजात की मृत्यु हो गई.

आवेदन में आगे लिखा गया है कि उक्त अस्पताल के प्रबंधन के द्वारा बीस हजार रुपये ले लिया गया और नवजात की मृत्यु हो जाने के बाद भी मुझसे 15 हजार रुपये की मांग करने लगे. पैसा नहीं देने के बाद नवजात का शव देने से मना कर दिया गया. नवजात का शव 24 घंटा से बंधक बनाकर रखा हुआ है.

जांच के लिए टीम का गठन

आवेदन मिलते ही एक टीम का गठन किया गया. टीम में कोढ़ा सीओ अंजू कुमारी, चिकित्सा पदाधिकारी अमित आर्य, और कोढ़ा प्रभारी प्रभारी अध्यक्ष राजेश कुमार शामिल थे. टीम ने अस्पताल परिसर में छापेमारी की, जहां डॉक्टर मौजूद नहीं मिले. अस्पताल के स्टाफ से दस्तावेज मांगे गए, लेकिन वे कोई भी वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके.

चिकित्सा पदाधिकारी अमित आर्य ने बताया कि, दस्तावेज न होने की स्थिति में अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी आगे की जांच की जा रही है. वहीं, प्रशासन ने नवजात का शव को लेकर परिजन को सौंप दिया. नवजात का शव मिलते ही परिजन शव को लेकर अपने घर लेजा कर दाह संस्कार की तैयारी में जुट चुके थे. स्थानीय लोगों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है और फर्जी अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

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