Rajasthan News: अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के दूसरे दिन बीकानेर का माहौल सांस्कृतिक रंगों से सराबोर नजर आया। राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र में ऊंटों के नृत्य, दौड़ और सजावट ने सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में देसी और विदेशी पर्यटक इस आयोजन का हिस्सा बने और राजस्थानी संस्कृति की झलक देखने पहुंचे।

कार्यक्रम स्थल पर ऊंटों को रंग-बिरंगे आभूषणों और पारंपरिक पोशाकों से सजाया गया था। इन ऊंटों ने अपने नृत्य और अद्भुत करतबों से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। ऊंट दौड़, जो उत्सव का मुख्य आकर्षण थी, में भाग लेने वाले ऊंटों ने अपनी तेजी और ऊर्जा से सबका ध्यान खींचा। वहीं, ऊंटों के शरीर पर फर कटिंग से बनाई गई आकृतियां, जिनमें करणी माता, लोकदेवता पाबूजी और रेगिस्तान के प्रतीक शामिल थे, ने पर्यटकों को खासा प्रभावित किया।

दोपहर बाद जूनागढ़ से करणी सिंह स्टेडियम तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में राजस्थान की समृद्ध लोक संस्कृति के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों की परंपराओं की झलक भी देखने को मिली। ऐसा लगा मानो मिनी भारत उत्सव के रूप में साकार हो गया हो। राजस्थानी परिधान पहने सैलानी शोभायात्रा का हिस्सा बनकर उत्सव का आनंद लेते नजर आए।

सैलानी ऊंटों की सवारी का मजा लेते हुए उनके साथ तस्वीरें खिंचवाने में भी व्यस्त दिखे। ऊंट नृत्य, उनके करतब और शोभायात्रा ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया।

पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अनिल राठौड़ ने बताया कि उत्सव के तीसरे दिन और भी रोमांचक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सुबह से लेकर शाम तक विभिन्न प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी। इनमें मटका दौड़, टर्बन बांधने की प्रतियोगिता, कैमल सफारी, हॉट एयर बैलून राइड, और फायर डांस शामिल हैं।

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