लखनऊ. पूरी दुनिया में महाकुंभ की भव्यता की चर्चा है. कुंभ मेले में आस्था के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. साधु- संत, फिल्मी सितारे, नेता और देश-विदेश से श्रद्धालु संगमनगरी पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. इस बीच यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने भी आस्था की डुबकी लगाई है. साथ ही व्यवस्थाओं को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने प्रशांत कुमार गंगा स्नान करने के बाद कहा, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है, करोड़ों लोग अभी तक स्नान कर चुके हैं. इस भीड़ को संभालना चुनौती नहीं, बल्कि सुनहरा मौका है. मैंने डुबकी लगाई, मुझे काफी अच्छा लग रहा है. संगम की सफाई देखते ही बन रही है, देश-दुनिया में महाकुंभ की तैयारियों को लेकर चर्चा है. जय गंगा मैया.
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महाकुंभ क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है.
जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.
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