भोपाल। मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में एक नया टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। माधव टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा। इसको लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि हमारे राज्य में बनने जा रहे एक नए टाइगर रिजर्व के लिए औपचारिकताएं भी लगभग पूरी हो चुकी हैं।
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मुख्यमंत्री यादव ने अपने एक बयान में कहा कि मध्यप्रदेश वन्यजीव संरक्षण में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। माधव टाइगर अभयारण्य जल्द ही राज्य का 9वां टाइगर रिजर्व बनेगा, जिससे चंबल अंचल में वन्यजीवों की समृद्धि बढ़ेगी। बुधवार को कूनो में 5 और चीते छोड़े गए हैं। उनमें से तीन का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ है। यह गर्व की बात है कि पहले छोड़े गए चीते न केवल शिकार कर रहे हैं, बल्कि कुशलता से जंगल में विचरण कर रहे हैं। प्रकृति और संतुलन की यह अनमोल झलक हमारे प्रदेश में दिख रही है।
1958 में हुई माधव राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
माधव राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1958 में मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना के बाद ही हो गई थी। यह क्षेत्र कभी ग्वालियर के महाराजाओं और मुगल बादशाहों का शिकारगाह हुआ करता था। ग्वालियर राजघराने द्वारा साल 1918 में मनिहार नदी पर बांध का निर्माण कर माधव तालाब बनाया गया था। यह इस पार्क का सबसे बड़ा जल क्षेत्र है।
NTCA ने दी थी प्रस्ताव को मंजूरी
बता दें कि पिछले साल राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की तकनीकी समिति ने शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान को मध्य प्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। एनटीसीए की तकनीकी समिति ने प्रस्तावित बाघ अभयारण्य का कोर क्षेत्र 375 वर्ग किलोमीटर, बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किलोमीटर और कुल क्षेत्रफल 1751 वर्ग किलोमीटर होगा।
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