Rohini Acharya News: बिहार विधानसभा में कल सोमवार (3 मार्च) को वित्त मंत्री सम्राट चौधरी वर्ष 2025-2026 का बजट पेश किया. इस बार बिहार का बजट 3 लाख 16 हजार 750 करोड़ का है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के बजट वर्ष से 38 हजार करोड़ अधिक है. बिहार बजट को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है. लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य की प्रतिक्रिया सामने आई है. रोहिणी ने आज मंगलवार को एक्स पर एक लंबा पोस्ट करते हुए बिहार सरकार पर हमला बोला है.

कहां से आएगा पैसा नीतीश जी- रोहिणी

रोहिणी आचार्य ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, नीतीश कुमार जी…कहां से आएगा पैसा? उन्होंने लिखा कि, 3.17 लाख करोड़ के आंकड़ों की बाजीगरी वाले बजट को प्रस्तुत कर खुद अपनी पीठ थपथपाने में मशगूल नीतीश सरकार को ये समझना होगा कि आर्थिक विकास के साथ मानव विकास और मानव विकास की खुशहाली के सूचकों का सतत मूल्यांकन किए जाने वाली आर्थिक नीति व् व्यवस्था आज बिहार की सबसे बड़ी जरूरत है.

‘बिहार पर लादा जाएगा कर्ज का बोझ’

रोहिणी ने कहा कि, फेल डबल-इंजन वाली सरकार को शायद ये भान नहीं है कि बिहार के सन्दर्भ में बहुप्रचारित विकास का जुमला नहीं चलने वाला. यदि लोगों को हक के रूप में बुनियादी सेवाएं नहीं मिलीं, गैर-बराबरी की खाई कम नहीं हुई और श्रम-शक्ति का पलायन नहीं रुका तो नीतीश कुमार जी यक्ष-प्रश्न ये है कि बीमार स्टेट बन चुके बिहार के इतने बड़े साइज के प्रस्तावित बजट के लिए पैसा कहाँ से आएगा? बदहाल जनता की जेब से दोहन के माध्यम से ? जिस प्रदेश से पिछले उन्नीस सालों से श्रम – शक्ति का पलायन अनवरत जारी है, जिस प्रदेश के बेरोजगारी के आँकड़े भयावह हैं, जिस प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम ( मात्र 183/- रूपए प्रति दिन) है , जिस प्रदेश में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का अस्तित्व ही नहीं है, जिस प्रदेश में देश भर में फैले उद्योगों का महज 1.3% (फ़ीसदी/ प्रतिशत ) उद्योग मौजूद है , जहाँ कृषि आधारित अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, वहाँ राजस्व का स्रोत क्या होगा ? क्या पहले से कर्ज में डूबे बिहार पर और कर्ज का बोझ लादा जाएगा?

‘रोजगार देने की बाद महज जुमला’

रोहिणी आचार्य ने आगे लिखा कि, नीतीश कुमार जी…आपकी सरकार के द्वारा प्रस्तुत बजट का सबसे निराशाजनक पहलू तो ये है कि देश की सबसे बड़ी युवा आबादी बिहार में रहती है. बावजूद इसके प्रदेश के बजट में युवा आबादी के लिए रोजगार सृजन की चर्चा तक नहीं है. आपकी ही सरकार ने 34 लाख नौकरी और रोजगार देने की घोषणा की है. मगर बजट इस अहम् मुद्दे पर मौन है, इसका मतलब साफ़ है कि 34 लाख रोजगार देने के लिए बजटीय प्रावधान नहीं किया गया है और रोजगार देने की बात महज जुमला है.

उन्होंने कहा कि, नीतीश कुमार जी प्रस्तुत बजट में गरीबों की सीधे तौर पर उपेक्षा की गयी है. आपकी सरकार ने ही 94 लाख गरीबों को 2 लाख रूपए देने की घोषणा की थी. मगर प्रस्तुत बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है. ऐसी ही अनदेखी / उपेक्षा बुजुर्गो के साथ की गयी है. बुजुर्गों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि ( रूपए 400/-) में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी है.

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