एसआर रघुवंशी, गुना। एक चौंकाने वाली घटना में गुना जिले के बीनागंज क्षेत्र से प्रशासन ने 16 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया है, जिनमें एक पूर्व शिक्षक भी शामिल है जो पिछले 19 वर्षों से बंधुआ मजदूरी कर रहा था। अहमदाबाद के मानव चेतना हाई स्कूल में अंग्रेजी और गणित पढ़ाने वाले ‘रामा’ को मानसिक रूप से कमजोर समझकर जबरन खेतों और पशुओं के काम में झोंक दिया गया था,वो भी बिना वेतन के।
कई राज्यों के मजदूर शामिल
प्रशासन को जैसे ही बंधुआ मजदूरी की शिकायतें मिलीं, गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल के निर्देश पर एसडीएम रवि मालवीय के नेतृत्व में एक गोपनीय अभियान चलाया गया। शुक्रवार को राजस्व, पुलिस और नगर पालिका की संयुक्त टीमों ने करीब एक दर्जन गांवों में दबिश देकर 16 लोगों को मुक्त कराया। इनमें यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, झारखंड और उड़ीसा के लोग शामिल हैं।
इतने डरे कि पुलिस के सामने भी कांप रहे थे
पीड़ितों को अमानवीय हालात में रखा गया था। विरोध करने पर मारपीट की जाती, बिजली के झटके दिए जाते और बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी। कई पीड़ित इतने डरे हुए थे कि पुलिस के सामने भी कांप रहे थे। पूर्व शिक्षक रामा ने बताया कि वे शिरडी से मथुरा की यात्रा पर थे, तभी रास्ते में बीनागंज में कुछ लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और मजदूरी में झोंक दिया। बार-बार विनती करने पर भी उन्हें छोड़ा नहीं गया। वहीं यूपी के रायबरेली निवासी वीरेंद्र यादव, फतेहपुर के विमल कुमार जैसे अन्य मजदूरों की कहानियां भी अत्यंत दर्दनाक रहीं है।
शिवपुरी के “अपना घर” आश्रम में पुनर्वास के लिए भेजा गया
उन्हें जबरन खेतों, भैंसों के बाड़ों और ईंट भट्टों पर काम कराया जाता रहा। रेस्क्यू किए गए सभी मजदूरों को प्राथमिक चिकित्सा और भोजन देने के बाद शिवपुरी के “अपना घर” आश्रम में पुनर्वास के लिए भेजा गया है। प्रशासन अब उनकी पहचान व पुनर्वास प्रक्रिया में जुटा है। शाम को कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी पीड़ितों को उचित चिकित्सा, देखभाल और पुनर्वास सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

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