कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से बीते वर्ष 2024 में सम्पन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल उठाए हैं। राहुल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी ने चुनाव में मैच फिक्सिंग की तरह से धांधली की। उन्होंने चरणबद्ध तरीके से बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में कैसे धांधली की गई और बीजेपी को फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने इसे ‘चुनाव कैसे चुराया जाए?’ नाम दिया राहुल के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है।

राहुल गांधी ने लिखा, “मेरा लेख दिखाता है कि यह कैसे हुआ।” अपने लेख के साथ पांच चरणों को उन्होंने साझा करते हुए लिखा…

  • पहला चरण- चुनाव आयोग की नियुक्ति के लिए पैनल में धांधली करना
  • दूसरा चरण- फर्जी मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ना
  • तीसरा चरण- मतदान प्रतिशत को बढ़ाना
  • चौथा चरण- फर्जी मतदान को ठीक वहीं लक्षित करें जहां भाजपा को जीतना है
  • पांचवां चरण- सबूत छिपाना

महाराष्ट्र चुनाव पर उठाए सवाल

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “यह देखना मुश्किल नहीं है कि भाजपा महाराष्ट्र में इतनी हताश क्यों थी? लेकिन यह धांधली मैच फिक्सिंग की तरह है- जो पक्ष धोखा देता है वह मैच जीत सकता है, लेकिन संस्थानों को नुकसान पहुंचाता है।”

उन्होंने कहा कि इस तरह के परिणाम जनता का विश्वास नष्ट करता है। सभी चिंतित भारतीयों को सबूत देखना चाहिए और खुद फैसला करें, जवाब मांगें। क्योंकि महाराष्ट्र की मैच फिक्सिंग अगली बार बिहार में होगी और फिर वहां जहां भाजपा हार रही होगी।

राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर आरोप

इससे पहले अप्रैल के महीने में राहुल गांधी अमेरिका के बोस्टन में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि चुनाव आयोग अब निष्पक्ष नहीं रहा, वह समझौता कर चुका है। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के मतदान आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि अंतिम दो घंटे में लाखों वोट पड़ना भौतिक रूप से असंभव है।

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बीजेपी की नजर अब बिहार चुनाव पर

राहुल ने X पर लिखा, 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने की एक सुनियोजित योजना थी। उन्होंने ट्वीट में आगे यह भी दावा किया कि बीजेपी की नजर अब बिहार विधानसभा चुनाव पर है, जो इस साल के अंत में होने वाले हैं। राहुल गांधी ने लिखा, महाराष्ट्र में जो मैच-फिक्सिंग हुई, वही अब बिहार में होगी और फिर यह हर उस जगह पहुंचेगी, जहां बीजेपी हार रही है।

राहुल ने अपने लेख में कहा कि मोदी सरकार ने 2023 में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा कानून बदलकर इसे केंद्र सरकार के पक्ष में झुका दिया। राहुल ने इसे ‘अंपायरों की नियुक्ति के लिए पैनल में हेरफेर’ करार दिया और लिखा कि नए कानून के तहत बनाई गई चयन समिति में प्रधानमंत्री, एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता/सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल हैं। यह चयन समिति फिर राष्ट्रपति को मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्तों के नाम की सिफारिश करती है।

राहुल ने सवाल उठाया कि चयन समिति से देश के मुख्य न्यायाधीश को हटाकर एक कैबिनेट मंत्री को क्यों रखा गया? उन्होंने लिखा, अपने आप से पूछिए। कोई क्यों एक ऐसी निष्पक्ष संस्था से एक तटस्थ जज को हटाकर अपने आदमी को बैठाएगा?

राहुल ने आगे कहा, यह समझना मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में बीजेपी इतनी बेताब क्यों थी, लेकिन धांधली करना मैच-फिक्सिंग जैसा है जो टीम धोखा देती है वो भले खेल जीत जाए, मगर इससे संस्थाओं को नुकसान पहुंचता है और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है।

उन्होंने कहा, हर जागरूक भारतीय को इन सबूतों को देखना चाहिए। खुद सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए और जवाब मांगना चाहिए। क्योंकि महाराष्ट्र की यह मैच-फिक्सिंग अब बिहार में दोहराई जाएगी और फिर वहां भी… जहां-जहां बीजेपी हार रही होगी। मैच-फिक्स किए गए चुनाव किसी भी लोकतंत्र के लिए जहर की तरह होते हैं।

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भाजपा का पलटवार

भाजपा ने राहुल गांधी के दावों को अपमानजनक बताया है। भाजपा नेता तुहिन सिन्हा ने कहा, “राहुल गांधी देश की संस्थाओं को बदनाम करने की अपनी शर्मनाक हरकतों पर वापस आ गए हैं। इन मुद्दों को चुनाव आयोग ने बार-बार विस्तार से संबोधित किया है।”

वहीं राहुल के पोस्ट को बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स पर रीपोस्ट किया और लिखा, ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी को यह नहीं पता कि चुनावी प्रक्रिया कैसे काम करती है। उन्हें बहुत अच्छे से पता है। लेकिन उनका मकसद स्पष्टता नहीं, बल्कि अराजकता फैलाना है। वे बार-बार जानबूझकर हमारे संस्थागत ढांचे को लेकर मतदाताओं के मन में शक और भ्रम के बीज बोने की कोशिश कर रहे हैं। जब कांग्रेस चुनाव जीतती है… चाहे वो तेलंगाना हो या कर्नाटक। तब यही सिस्टम न्यायपूर्ण और निष्पक्ष बताया जाता है। लेकिन जब हार होती है… हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक… तो रोना-धोना और षड्यंत्र के सिद्धांत शुरू हो जाते हैं, और वो भी हर बार।

मालवीय ने आगे लिखा, यह सब जॉर्ज सोरोस की रणनीति से लिया गया है। लोगों का अपनी ही संस्थाओं से भरोसा systematically खत्म करो, ताकि उन्हें अंदर से कमजोर करके राजनीतिक लाभ उठाया जा सके. भारत का लोकतंत्र मजबूत है। इसकी संस्थाएं सक्षम हैं और भारतीय मतदाता बुद्धिमान है। कितनी भी जोड़तोड़ कर ली जाए, यह सच्चाई नहीं बदलेगी।

क्या रहा था महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भाजपा की अगुवाई वाली महायुति गठबंधन ने जीता था। राज्य में महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच मुख्य मुकाबला था। महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

230 में से भाजपा को अकेले 132 सीटें हासिल हुई थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 57 सीटें और अजित पवार गुट की एनसीपी को 41 सीटें हासिल हुई थी। महा विकास अघाड़ी दल को सिर्फ 46 सीटें ही हासिल हुई थी।

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