Vish Yog 2025: 11 जून को आने वाली ज्येष्ठ पूर्णिमा केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है. पूर्णिमा तिथि चंद्रमा से संबंधित होती है, और जब चंद्रमा शनि के साथ किसी विशेष संयोग में आता है, तो ‘विष योग’ जैसा अशुभ योग बनता है. यह योग जातक के जीवन में मानसिक तनाव, भ्रम, अकेलापन और पारिवारिक असंतुलन उत्पन्न कर सकता है.

यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा पर शनि की दृष्टि हो, या दोनों एक ही राशि में स्थित हों, तो यह विष योग बन सकता है. ऐसे जातकों को ज्येष्ठ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर विशेष उपाय अवश्य करने चाहिए, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम हो और मन को शांति प्राप्त हो.

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विष योग के दुष्प्रभाव (Vish Yog 2025)

  • मानसिक तनाव, अवसाद या चिंता
  • नकारात्मक सोच और निराशा की प्रवृत्ति
  • नींद न आने की समस्या
  • पारिवारिक असंतोष या अलगाव की भावना
  • निर्णय लेने में भ्रम और असमंजस
  • आत्मविश्वास की कमी और अकेलेपन की भावना

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इस पूर्णिमा पर क्या करें? (Vish Yog 2025)

  • रात्रि में चंद्रमा को दूध, शक्कर और सफेद फूल मिलाकर जल से अर्घ्य दें.
  • “ॐ चंद्राय नमः” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें.
  • शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र अर्पित करें और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें.
  • शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं, और काले तिल का दान करें.
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें, विशेषकर शाम के समय.

क्या होता है विष योग? (Vish Yog 2025)

विष योग तब बनता है जब:

  1. चंद्रमा और शनि एक ही राशि में स्थित हों (संयुक्त हों), या
  2. चंद्रमा पर शनि की दृष्टि हो, विशेषकर तीसरी, सातवीं या दसवीं दृष्टि, या
  3. चंद्रमा शनि की राशि (मकर या कुम्भ) में स्थित हो और शनि उस पर प्रभाव डाल रहा हो.

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