Lalluram Desk. रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए रूसी सैनिक सर्गेई ग्रेबलेव का अंतिम संस्कार कर्नाटक के गोकर्ण में श्री महाबलेश्वर मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया.
हिंदू धर्म के लंबे समय से अनुयायी रहे ग्रेबलेव पिछले 18 सालों से नियमित रूप से गोकर्ण आते रहे हैं. उन्होंने वाराणसी में आध्यात्मिक दीक्षा भी ली थी. उनके प्रशंसकों की एक बड़ी संख्या थी, युद्ध के बावजूद वे सक्रिय ड्यूटी पर लौट आए और 28 अप्रैल को युद्ध में मारे गए.
ग्रेबलेव के परिवार के भारत आने में असमर्थ होने के कारण, पुजारी वी प्रशांत हिरेगंगे के मार्गदर्शन में अनुष्ठान किए गए, जिसमें ग्रेबलेव की रिश्तेदार एलेना वीडियो कॉल के ज़रिए शामिल हुईं.
हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए नारायणबली सहित पारंपरिक अनुष्ठान किए गए, जिसमें आत्मा को मुक्त करने और उसे उसके अंतिम गंतव्य तक पहुँचाने के उद्देश्य से अग्नि समारोह शामिल है और पिंड दान, जिसमें घी और काले तिल के साथ पके हुए चावल के गोले पूर्वजों को चढ़ाए जाते हैं.
गोकर्ण में श्री महाबलेश्वर मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है, जिसका निर्माण चौथी शताब्दी में कदंब वंश के मयूर शर्मा ने करवाया था. कर्नाटक में सात मुक्तिक्षेत्रों या मुक्तिस्थलों में से एक माने जाने वाले इस मंदिर का करवार समुद्र तट के पास स्थित होना इसे एक प्रमुख आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल भी बनाता है.