गौरव जैन, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही. गौरेला (ज्योतिपुर तिराहा) से छत्तीसगढ़ के पहले सीएम स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने हटा दिया था. महीनेभर बाद भी इस मामले में प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. गौरेला ज्योतिपुर चौक पर स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा लगाने की मांग को लेकर JCCJ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी आज अपने समर्थकों के साथ गौरेला में धरना दिया. इस दौरान पुलिस ने धरने पर बैठे अमित जोगी समेत सैकड़ों समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया. सभी को गौरेला लाल बंगला अस्थायी जेल में रखा गया है.

अमित जोगी ने आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, आरएसएस के जिला प्रमुख का बेटा खुद खड़ा होकर प्रतिमा को हटवाया. इसे बचाने के लिए आरएसएस के दबाव में प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा. उन्होंने आरएसएस की तुलना राक्षस से करते हुए कहा, नागपुर जाकर प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति लेंगे. स्व. अजीत जोगी की मूर्ति को गौरेला में स्थापित करने न्यायमूर्ति से न्याय मांगेंगे. अमित जोगी ने कहा, सबका जोगी जी के प्रति सम्मान है. सरकार समेत सभी चाहते हैं कि ज्योतिपुर तिराहा पर अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापित हो.

रेणु और अमित जोगी ने कलेक्टर को सौंपा था ज्ञापन

छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर उपजे विवाद को लेकर पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी ने कुछ दिनों पहले गौरेला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी को ज्ञापन सौंपा था और अजीत जोगी की प्रतिमा का विधिवत स्थापित कर जल्द अनावरण करने की मांग की थी, लेकिन इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

अमित जोगी ने दिया था अल्टीमेटम

अमित जोगी ने कहा था कि प्रतिमा को उनके अधिपत्य की भूमि पर वैधानिक रूप से स्थापित किया गया था और इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होना था, मगर इससे पहले ही प्रतिमा को रातों-रात हटवा दिया गया. कुछ अधिकारी यह झूठा भ्रम फैला रहे हैं कि उस जगह पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगनी थी. अमित जोगी ने चेतावनी दी थी कि यदि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तो वे आंदोलन का रुख अपनाएंगे. उन्होंने कहा था कि यदि पुलिस को लोकेशन की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं की करती तो यह प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है.