पटना। बिहार ने इतिहास रचते हुए देश में पहली बार मोबाइल एप के माध्यम से वोटिंग की शुरुआत कर दी है। शनिवार को राज्य के 26 जिलों की 42 नगर पालिकाओं में हुए उपचुनावों के दौरान यह तकनीक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर छह नगर निकायों में लागू की गई। इस प्रयोग के तहत कुल 70.20 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो परंपरागत बूथ वोटिंग (54%) से 16 प्रतिशत अधिक रहा। कुल मतदान प्रतिशत 62.41 रहा, जिसमें मोबाइल एप आधारित ई-वोटिंग का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा।
एप के माध्यम से मतदान
इस तकनीकी पहल का उद्देश्य उन मतदाताओं को सुविधा देना है जो शारीरिक रूप से बूथ तक नहीं पहुंच सकते, जैसे कि दिव्यांग, बुजुर्ग, गंभीर रूप से बीमार, गर्भवती महिलाएं और प्रवासी श्रमिक। ई-वोटिंग के लिए 50,000 से अधिक मतदाताओं ने पहले से पंजीकरण कराया था। सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक ई-वोटिंग की प्रक्रिया संपन्न हुई। खास बात यह रही कि दुबई और कतर जैसे देशों में रह रहे प्रवासी बिहारियों ने भी इस एप के माध्यम से मतदान किया।
एंड्रॉयड एप्लिकेशन तैयार किए गए
मोबाइल ई-वोटिंग के लिए दो एंड्रॉयड एप्लिकेशन तैयार किए गए हैं। पहला एप ‘e-Voting SECBHR’ सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) द्वारा विकसित किया गया है, जबकि दूसरा एप राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बनाया गया है। मतदाता को एप डाउनलोड कर, अपने नाम और मोबाइल नंबर के माध्यम से OTP वेरीफाई करना होता है। एप में फेस रिकग्निशन और लाइव फेस स्कैन जैसे आधुनिक सुरक्षा फीचर्स का इस्तेमाल किया गया है।
इस महिला वोटर ने डाला पहला वोट
इस तकनीक की शुरुआत मोतिहारी की विभा ने की, जिन्होंने मोबाइल एप के जरिए पहला वोट डालकर देश की पहली ई-वोटर बनने का गौरव प्राप्त किया।
136 पदों के लिए मतदान
नगर निकाय उपचुनावों में कुल 136 पदों के लिए मतदान हुआ। इसमें 121 वार्ड पार्षद, 8 उप मुख्य पार्षद और 7 मुख्य पार्षद पद शामिल हैं। पटना जिले के नौबतपुर, बिक्रम और खुसरूपुर नगर पंचायतों में कार्यकाल समाप्त होने के कारण चुनाव कराए गए। नौबतपुर में 17, बिक्रम में 16 और खुसरूपुर में 11 पदों के लिए मतदान हुआ।
अन्य राज्यों के लिए बन सकता है मिसाल
ई-वोटिंग का यह सफल प्रयोग देश के अन्य हिस्सों के लिए मिसाल बन सकता है और भविष्य में चुनावी प्रक्रियाओं को और अधिक समावेशी व डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ई-वोटिंग की शुरुआत:
- बिहार देश का पहला राज्य बन गया है जहां मोबाइल एप के जरिए वोटिंग कराई गई।
- यह तकनीक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 6 नगर पालिकाओं में लागू की गई।
- मोबाइल ई-वोटिंग का उद्देश्य उन लोगों को सुविधा देना है जो बूथ पर पहुंचने में असमर्थ हैं जैसे प्रवासी श्रमिक, दिव्यांग, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रूप से बीमार नागरिक।
कौन से एप का उपयोग हुआ?
- e-Voting SECBHR App इसे C-DAC (Centre for Development of Advanced Computing) ने विकसित किया है।
मुख्य सुरक्षा व तकनीकी जिम्मेदारी इसी एप की है। - Bihar Election Commission App
इसे बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयार किया है।
यह मतदाता से जुड़ी लॉजिस्टिक और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को संभालता है।
सुरक्षा फीचर्स
- एप में फेस रिकग्निशन (Face Recognition) और लाइव फेस स्कैन (Live Face Scan) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है।
- यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि वोटर की पहचान सुरक्षित और सही तरीके से सत्यापित हो।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
ई-वोटिंग का लाभ उठाने के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन जरूरी था।
चुनाव आयोग के अनुसार, 50,000 से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया।
रजिस्ट्रेशन के बाद ही एप के जरिए वोट डालने की अनुमति मिली।
ई-वोटिंग का समय
- मोबाइल से मतदान का समय: सुबह 7:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक।
- बूथ पर पारंपरिक मतदान शाम 5:00 बजे तक।
ई-वोटिंग की प्रक्रिया (Voting Steps in App)
मतदाता को E-SECBHR एप इंस्टॉल करना होगा (सिर्फ एंड्रॉयड पर उपलब्ध)।
एप में अपना नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP प्राप्त होगा।
OTP डालने के बाद एप फेस स्कैन और पहचान सत्यापन करेगा।
सत्यापन सफल होने के बाद वोटिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।
प्रवासी मतदाता भी जुड़े
दुबई, कतर जैसे देशों में रह रहे प्रवासी बिहारियों ने भी इस एप के जरिए पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग किया।
देश की पहली ई-वोटर
मोतिहारी की विभा ने इस एप के जरिए पहला वोट डाला और वह भारत की पहली मोबाइल ई-वोटर बन गईं।
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