लखनऊ। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा और उनके सहयोगी दलों पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के हाथ में जाकर तो जूता भी अपमानित महसूस करता है। पीडीए समाज का अपमान करनेवाले ऐसे असभ्य लोग दरअसल अपने दंभ और अहंकार के मारे होते हैं। इनकी प्रभुत्ववादी सोच नफ़रत को जन्म देती है, जो देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए जितनी होती है, उतनी ही समाज के सबसे कमज़ोर अंतिम व्यक्ति के लिए भी। ऐसे लोग वर्चस्ववाद की बीमारी से घोर ग्रसित होते हैं। हम इसलिए कहते हैं, पीडीए का मतलब है ‘पीड़ित, दुखी, अपमानित’।

भाजपा अपनी सत्ता के अंतिम दौर में

अखिलेश ने कहा कि पीडीए समाज की उदारता और भलमनसाहत 5000 सालों से ऐसे लोगों को माफ़ करती आई है, लेकिन इस हद तक अपमान के बाद पीडीए समाज अब और नहीं सहेगा। भाजपा और उसके संगी-साथी अपनी सत्ता के अंतिम दौर में हैं , क्योंकि उनकी भ्रष्ट चुनावी साज़िश का भंडाफोड़ हो चुका है, वो अब कभी नहीं जीतेंगे। इसीलिए हताश होकर वो ऐसे कुकृत्य कर रहे हैं। भाजपाई इस बार जाएंगे तो फिर कभी नहीं आएंगे क्योंकि जब आबादी का 90% हिस्सा अपने हक़-अधिकार के लिए जाग गया है तो 10% का गुरूर और सिंहासन अब और नहीं टिकेगा।

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अंतिम संघर्ष निर्णायक रूप से जीतकर रहेगा

अखिलेश ने आगे कहा कि भारत के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में ये दौर ‘अपमान बनाम सम्मान’ के संघर्ष का है। पीडीए अपने स्वाभिमान और स्वमान का ये अंतिम संघर्ष निर्णायक रूप से जीतकर रहेगा।