पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को एक बड़ा झटका लगा है। मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी विधानसभा सीट से पूर्व विधायक और राज्यसभा सांसद रह चुके अनिल सहनी ने पार्टी से नाता तोड़ते हुए बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली। अनिल सहनी को राजद ने इस चुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया था।

भाजपा में हुआ शामिल

पटना स्थित भाजपा मीडिया सेंटर में आयोजित एक समारोह में अनिल सहनी ने भाजपा की सदस्यता ली। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सहनी के साथ पूर्व विधायक आशा देवी ने भी भाजपा ज्वाइन की।

नेतृत्व पर लगाया अपमान का आरोप

राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल को अपना इस्तीफा भेजने के बाद सहनी ने दावा किया कि पार्टी नेतृत्व ने ‘अति पिछड़ा वर्ग’ का निरंतर अपमान किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार सहनी अपने बेटे को कुढ़नी सीट से टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने इस बार बबलू कुशवाहा को उम्मीदवार बना दिया। इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया।

कुढ़नी सीट से शुरू हुआ था सियासी सफर

अनिल सहनी ने 2020 में कुढ़नी विधानसभा सीट से राजद उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता को शिकस्त दी थी। हालांकि बाद में दिल्ली की एक अदालत ने एलटीसी घोटाले में दोषी पाए जाने पर उन्हें दो साल की सजा सुनाई, जिससे उनकी विधायकी समाप्त हो गई। साथ ही अदालत ने उनके चुनाव लड़ने पर तीन साल के लिए रोक भी लगा दी थी।

वहीं से राज्यसभा पहुंचे थे

राजद में आने से पहले अनिल सहनी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सदस्य थे। जेडीयू के टिकट पर वे राज्यसभा पहुंचे थे। इसी कार्यकाल के दौरान उन पर सरकारी खर्चे पर हवाई यात्रा (LTC) में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा था, जिसके चलते सीबीआई ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।