कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को राहत देने के साथ ही सुरक्षा कवच वापस ले लिया है. मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जज जय सेनगुप्ता ने शुभेंदु को दी गई इम्युनिटी को ख़ारिज कर दिया. हालांकि, इसके साथ ही कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज 20 में से 15 प्राथमिकी को भी खारिज कर दिया है. जस्टिस जॉय सेनगुप्ता ने निर्देश दिया है कि 2021 में मानिकतला थाने में विपक्षी नेता के खिलाफ दर्ज मामले की जांच सीबीआई और राज्य पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी.

जांच का नेतृत्व दो पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी और राज्य पुलिस और सीबीआई के अधिकतम पांच-पांच अधिकारी करेंगे. जज ने निर्देश दिया है कि बचे हुए चार मामलों में नए सिरे से आवेदन दायर किए जाएं क्योंकि हाई कोर्ट में उचित आवेदन दायर नहीं किए गए थे. इससे पहले कोलकाता हाई कोर्ट के जज राजशेखर मंथा ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को पश्चिम बंगाल पुलिस से एफ आई आर से संरक्षण (रक्षा कवच) दिया गया था. पश्चिम बंगाल सरकार ने इसके ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में मामला भी फाइल किया था.

कल्याण बनर्जी ने जताई खुशी…

हाई कोर्ट के आदेश पर कल्याण बनर्जी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अब कोई बाधा नहीं रह गई. उनका कहना है कि तीन से चार साल से जो बाधा थी, वह अब नहीं रही. उन्होंने कहा कि जज की वजह से वो जो मस्तानी कर रहे थे, वो अब नहीं कर पाएंगे. अब पुलिस एफआईआर पर जांच करना चाहती है, तो कर सकती है.

अपराधों के अनुपात में FIR

कल्याण बनर्जी ने शुभेंदु के खिलाफ बहुत सारे मामले दायर होने पर कहा कि शुभेंदु अगर हजार क्राइम करेगा, तो उसके खिलाफ हजार मामले दर्ज होंगे. उन्होंने ज़ोर दिया कि अगर वह बहुत सारे अपराध करेंगे तो उसी अनुपात में एफआईआर होगी, वह कोई विशेषाधिकार प्राप्त शख्स नहीं हैं.

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