अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल में बड़ा हादसा होते-होते टल गया। जहां खाना बनाते समय एक कच्चे मकान में भीषण आग लग गई। देखते ही देखते आग ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। वहीं थाना प्रभारी ने मां-बेटे को सुरक्षित बचा लिया। लेकिन इस घटना में लाखों का सामान जलकर खाक हो गया। यह पूरी घटना पापौंध थाना क्षेत्र की है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम निपनिया की रहने वाले रूपधारी जायसवाल की पत्नी खाना बना रही थीं। तभी रसोई में आग भड़क उठी और धीरे-धीरे पूरा मकान आग की लपटों में घिर गया। घर के अंदर उस समय मां और बेटा दोनों फंसे हुए थे और बाहर खड़े लोग मदद की गुहार लगा रहे थे। इस बीच पापौंध थाना प्रभारी बृजेंद्र मिश्रा मौके पर पहुंचे और बिना देर किए जान जोखिम में डालकर आग की लपटों के बीच घुस गए।
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थाना प्रभारी ने बहादुरी दिखाते हुए मां-बेटे दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। दोनों झुलसे हुए घायलों को तुरंत प्राथमिक इलाज के बाद रीवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया है। स्थानीय ग्रामीणों और प्रशासन की मदद से आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक पूरा मकान और उसमें रखा कीमती सामान जलकर राख हो चुका था।
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ग्रामीणों ने थाना प्रभारी बृजेंद्र मिश्रा की मानवीयता और बहादुरी की सराहना करते हुए उन्हें सच्चा जनसेवक बताया है। इस मामले में पापौंध थाना प्रभारी बृजेंद्र मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि एक कच्चे मकान में आग लग गई थी। समय पर सूचना मिलते ही मौके पहुचे, जहां मां बेटा आग लगे मकान में फंसे थे, जिन्हें सुरक्षित निकालकर इलाज के लिए रीवा अस्पताल भेजा गया है।
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