रवि गोयल, सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में टोल प्लाजा के कर्मचारियों की मनमानी सामने आई है। टोल कर्मचारियों ने मुख्य मार्ग से लगी गांव की सड़क पर खंभा गड़ाकर रोड को ही बाधित कर दिया। लोगों को टोल प्लाजा से गुजरने मजबूर किया। वहीं इस मामले में कलेक्टर ने कहा है कि ये सब बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने तत्काल अपर कलेक्टर तहसीलदार पीडब्ल्यूडी की टीम को मौके पर भेजा और खंभे को बीच मार्ग से हटवाकर रास्ते को फिर से चालू करवाया।

दरअसल सक्ती से बाराद्वार मुख्य मार्ग NH 49 में ग्राम जेठा में टोल प्लाजा लगभग 1 साल से संचालित है। इस टोल प्लाजा के बगल में एसपी कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय एवं कलेक्टर कार्यालय भी जुड़ा हुआ है, जिसके चलते सक्ती की ओर से जाने वाले लोगों को एवं बाराद्वार की तरफ से आने वाले लोगों को टोल प्लाजा से गुजरकर इन कार्यालयों में जाना पड़ता है। बेवजह लोगों के जेब पर इसका असर पढ़ रहा था।

टोल प्लाजा से लगकर बाईपास सड़क भी है, जो कलेक्टर कार्यालय के चारों ओर बनी है। स्थानीय लोग इसी सड़क का उपयोग कर इन कार्यालय में आना जान करते हैं। जो स्थानीय जनता को इस टोल प्लाजा के अनावश्यक खर्चे से राहत दिलाता है। इस सड़क का उपयोग लोग अक्सर कलेक्टर-एसपी कार्यालय या जिला पंचायत कार्यालय जाने के लिए करते हैं, मगर टोल प्लाजा के कर्मचारियों को इस सड़क से नुकसान होता दिखा और इन्होंने सारे नियम कानून को ताक में रखकर इस सड़क को ही लोहे के खंभे लगाकर ब्लॉक कर दिया, ताकि आसपास के लोकल व्यक्ति भी कलेक्टर, एसपी कार्यालय जाने के लिए टोल नाका से होकर गुजरे और उनकी जेब खाली कर सके।

अधिकारी बोले – टोल प्लाजा के संचालक के खिलाफ होगी कार्रवाई

पूर्व में भी टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने इसी प्रकार की हरकत की थी। इस ग्रामीण सड़क पर अपने कर्मचारियों को बैठाकर आने-जाने वाले चारपहिया वाहन मालिकों से अवैध वसूली और धमकी चमकी की जा रही थी, ताकि वे इस रोड का उपयोग न कर सके। उस समय भी मीडिया ने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद तत्काल अवैध कृति को रोकने के लिए अधिकारियों ने निर्देश जारी किए। एक बार फिर टोल प्लाजा के कर्मचारी अपनी कमाई बढ़ाने के लिए आम पब्लिक को परेशान करते दिखे। वहीं मौके पर पहुंचे लोक निर्माण विभाग के अधिकारी ने कहा कि पीडब्ल्यूडी की सड़क बिना अनुमति के खोद दी गई है, जिसके लिए हमारे द्वारा टोल प्लाजा के संचालक को नोटिस भेजकर वैधानिक एवं वसूली की कार्रवाई की जाएगी।

मनमानी के पीछे कई जनप्रतिनिधियों का संरक्षण

आपको बता दें कि इस पूरे मामले में कई जनप्रतिनिधियों के नाम भी सामने आ रहे हैं, जिनके संरक्षण में टोल प्लाजा के संचालक द्वारा यह अवैध कार्य किया गया है। वहीं राजधानी के एक बड़े नेता का संरक्षण भी इसमें शामिल है, जिसके कारण आम पब्लिक को परेशान किया जा रहा है।

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने टोल प्लाजा को हटाने के दिए थे निर्देश

बता दें कि करीब माहभर पहले बिलासपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का दौरा सक्ती की तरफ हुआ था। उस समय उन्होंने कलेक्टर को इस टोल प्लाजा को हटाने के लिए आवश्यक पत्राचार करने के लिए कहा था, जिसके बाद कलेक्टर ने भी एनएचअथॉरिटी को टोल प्लाजा को हटाने के लिए पत्र लिखा, परंतु राजनीतिक संरक्षण और दबाव के चलते इस टोल प्लाजा को हटाने की कार्रवाई फिलहाल ठंडे बस्ती में जाते हुए दिख रही है।