AIIMS Bhubaneswar Liver Transplant: भुवनेश्वर. एम्स भुवनेश्वर ने 20 दिसंबर को सफलतापूर्वक पहला लिवर ट्रांसप्लांट कर टर्शियरी हेल्थकेयर के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह उपलब्धि ओडिशा और पड़ोसी राज्यों के लोगों को अत्याधुनिक और जीवन रक्षक मेडिकल सेवाएं देने की संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम की शुरुआत वर्ष 2023 में एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) आशुतोष बिस्वास के नेतृत्व में की गई थी. इसी वर्ष इस कार्यक्रम को आधिकारिक लाइसेंस भी प्राप्त हुआ. लिवर ट्रांसप्लांट आउटपेशेंट डिपार्टमेंट (OPD) इस साल 21 फरवरी से शुरू हुआ. इसके बाद नवंबर 2025 में 10 बेड वाला अत्याधुनिक ट्रांसप्लांट इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) भी शुरू किया गया.

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लिवर ट्रांसप्लांट कराने वाला मरीज पुरी जिले के पिपिली का 37 वर्षीय व्यक्ति है, जिसकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है. मरीज के 30 वर्षीय भाई ने स्वेच्छा से अपने लिवर का एक हिस्सा दान किया था. डोनर को सफल सर्जरी के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.

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करीब 50 से अधिक विशेषज्ञों और स्टाफ सदस्यों की टीम ने यह जटिल सर्जरी की, जिसे पूरा होने में लगभग 14 घंटे लगे. सर्जरी टीम का नेतृत्व डॉ. ब्रह्मदत्त पटनायक (हेड, जीआई और लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी) ने किया. उनके साथ डॉ. तन्मय दत्ता और डॉ. सुनीता गुप्ता भी शामिल रहे. यह पूरी प्रक्रिया इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (ILBS), नई दिल्ली के प्रो. डॉ. विनयेंद्र पामेचा के मार्गदर्शन में संपन्न हुई.

एम्स भुवनेश्वर ने उच्च गुणवत्ता और क्षमता निर्माण सुनिश्चित करने के लिए ILBS के साथ साझेदारी की है. संस्थान में ओडिशा और आसपास के राज्यों से लिवर ट्रांसप्लांट के मरीजों की वेटिंग लिस्ट लगातार बढ़ रही है. लिवर ट्रांसप्लांट OPD हर मंगलवार दोपहर 2:30 बजे से संचालित होती है. इस वर्ष अब तक 200 से अधिक मरीज इस सेवा का लाभ उठा चुके हैं.

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