रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा की फ्लॉप आंदोलन नौटंकी पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि अफवाहों की राजनीति करने वाली ये किसान विरोधी पार्टी छत्तीसगढ़ में भी किसानों के सवाल पर अफवाहबाजी में लगी हुई है। जो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह 15 साल गांव, किसान और मजदूरों के खिलाफ काम करते रहे, आज वो अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार से इतना भी नहीं पूछ पा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ को बारदाने देने में सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है ? प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा के 9-9 सांसद चुनकर दिल्ली भेजे हैं, रमन सिंह समेत इन 9 सांसदों के मुंह में दही जमी हुई है ? हकीकत यह है कि केन्द्र सरकार के सौतेले व्यवहार के बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने करीब 90 लाख मीट्रिक टन अनुमानित धान उपार्जन के मुकाबले अभी तक करीब 71.48 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर ली है, लेकिन झूठ की बुनियाद पर राजनीति करने वाले डॉ रमन सिंह और उनकी पार्टी सच सुनती है तो बौखला जाती है और आईना देखती है, तो भड़क जाती है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बीजेपी के धरने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भाजपा किसान हितैषी बनने का ढ़ोंग कर रही है। रमन सिंह के कार्यकाल में किसानों के साथ केवल वादाखिलाफी और धोखाधड़ी की गई है। प्रदेश में धान खरीदी सही ढंग से नहीं होने के भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में 80 फीसदी धान खरीदी हो चुकी है। अब तक किसानों से 71.48 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो गई है। सरकार ने 17 लाख 38 हजार से अधिक किसानों का धान समर्थन मूल्य पर खरीदा है। जब धान खरीदी का लक्ष्य करीब करीब पूरा हो गया तब भाजपा को किसानों की याद आ रही है और धरना-प्रदर्शन का ढ़ोंग कर रहे हैं।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा नेताओं ने किसानों के बारे में बोलने और प्रदर्शन करने का नैतिक अधिकार खो दिया है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की 15 साल तक सरकार थी, तब हर साल बोनस देने का वादा कर भाजपा ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की। भाजपा अगर वाकई किसान हितौषी है तो उन्हें केन्द्र सरकार से बात करनी चाहिए, ताकि किसानों का भला हो सके। कांग्रेस का कहना है कि छत्तीसगढ़ का किसान खुश है क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनके साथ न्याय किया है। यहां समर्थन मूल्य पर उनका धान बिक रहा है, साथ ही राजीव गांधी न्याय योजना के जरिए किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि मिल रही है। जिससे 5750 करोड़ सीधे किसानों के खाते में गए। इसके अलावा गोधन न्याय योजना से छत्तीसगढ़ के किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो रही है। अब तक गोपालकों से 32 लाख टन गोबर की खरीद की जा चुकी है। गोबर से गोपालकों को 55 करोड़ से ज्यादा की आमदनी हुई है।
डॉ रमन सिंह और भाजपा के 9 सांसद समेत पार्टी के नेताओं को जवाब देना चाहिए कि केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के सेन्ट्रल पूल के चावल में कटौती क्यों की ? सेंट्रल पूल का कोटा 60 लाख मीट्रिक टन से घटा कर 24 लाख मीट्रिक टन किया तब किसी भाजपा नेता कुछ क्यों नहीं बोला। छत्तीसगढ़ सरकार ने साढ़े तीन लाख गठान बारदाने की मांग रखी थी, लेकिन मांग के अनुरूप बारदाना उपलब्ध नहीं कराया। इसके बाद भी बीजेपी के नेताओं ने कोई पहल नहीं की, जबकि छत्तीसगढ़ की जनता ने लोकसभा में 9 सांसदों को चुनाव जीतवाया है, किसी ने भी केन्द्र सरकार को इस बार में पत्र नही लिखा।
छत्तीसगढ़ के किसान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के सभी सोसायटियों में धान खरीद सुचारू रुप से चल रही है। आज तक राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 13 जनवरी 2021 तक 71 लाख 48 हजार 349 मीट्रिक धान की खरीदी की गई है। अब तक राज्य के 17 लाख 38 हजार 231 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा। राज्य के मिलरों को 23 लाख 49 हजार 271 मीट्रिक टन धान का डी.ओ. जारी किया गया है। जिसके विरूद्ध मिलरों द्वारा अब तक 20 लाख 17 हजार 49 मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।
खरीफ वर्ष 2020-21 में 13 जनवरी 2021 तक राज्य के बस्तर जिले में 94 हजार 950 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। इसी प्रकार बीजापुर जिले में 47 हजार 177 मीट्रिक टन, दंतेवाड़ा जिले में 10 हजार 474 मीट्रिक टन, कांकेर जिले में 2 लाख 22 हजार 40 मीट्रिक टन, कोण्डागांव जिले में एक लाख 4 हजार 927 मीट्रिक टन, नारायणपुर जिले में 14 हजार 77 मीट्रिक टन, सुकमा जिले में 27 हजार 741 मीट्रिक टन, बिलासपुर जिले में 3 लाख 75 हजार 766 मीट्रिक टन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 54 हजार 784 मीट्रिक टन, जांजगीर-चांपा जिले में 6 लाख 87 हजार 142 मीट्रिक टन, कोरबा जिले में 91 हजार 989 मीट्रिक टन, मुंगेली जिले में 2 लाख 96 हजार 497 मीट्रिक टन खरीदी की गई है।
इसी तरह रायगढ़ जिले में 4 लाख 27 हजार 53 मीट्रिक टन, बालोद जिले में 4 लाख 30 हजार 985 मीट्रिक टन, बेमेतरा जिले में 4 लाख 99 हजार 33 मीट्रिक टन, दुर्ग जिले में 3 लाख 29 हजार 93 मीट्रिक टन, कवर्धा जिले में 3 लाख 44 हजार 712 मीट्रिक टन, राजनांदगांव जिले में 5 लाख 93 हजार 379 मीट्रिक टन, बलौदाबाजार जिले में 4 लाख 88 हजार 389 मीट्रिक टन, धमतरी जिले में 3 लाख 46 हजार 806 मीट्रिक टन, गरियाबंद जिले में 2 लाख 52 हजार 687 मीट्रिक टन, महासमुंद जिले में 4 लाख 96 हजार 329 मीट्रिक टन, रायपुर जिले में 3 लाख 98 हजार 687 मीट्रिक टन, बलरामपुर जिले में एक लाख 10 हजार 408 मीट्रिक टन, जशपुर जिले में 80 हजार 639 मीट्रिक टन, कोरिया जिले में 85 हजार 856 मीट्रिक टन, सरगुजा जिले में एक लाख 10 हजार 166 मीट्रिक टन और सूरजपुर जिले में एक लाख 26 हजार 558 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है।