चेन्नई। घरेलू रक्षा उत्पादन को बड़ी उछाल देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना के लिए निर्मित मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन के नवीनतम संस्करण मार्क ए वन को देश को समर्पित किया. इस टैक का विकास डीआरडीओ ने किया है.

अर्जुन मार्क ए वन टैंक का निर्माण चेन्नई स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड की हैवी व्हीकल फैक्ट्री में निर्माण किया जाएगा. इसके पहले रक्षा मंत्रालय की हाई लेवल मीटिंग में 8400 करोड़ रुपए की लागत से 118 अर्जुन मार्क ए वन की खरीदी को मंजूरी दी थी.

भारतीय सेना को मिलने वाले 118 अर्जुन मार्क ए वन टैंक से आर्म्ड कार्प के दो रेजीमेंट बनाए जाएंगे, जिसमें पहले से ही खरीदे गए 124 अर्जुन टैंकों को शामिल किया जाएगा. इन टैंक को पाकिस्तान से लगती भारत की पश्चिम सीमा में तैनात किया जाएगा.

जानिए क्या है टैंक की खासियत…

अब बात अर्जुन मार्क ए वन टैंक की खासियत की तो बताएं हथियारों से पूरी तरह से लोडे होने पर 68 टन की यह टैंक रोड पर 58 किमी प्रति घंटे तो मोर्चे पर 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. इसका 120 मिमी की नलकी से 6 से 8 राउंड प्रति मिनट के रफ्तार से फायर कर सकती है.

12.7 मिमी एंटी एयरक्राफ्ट गन से लैस टैंक में फायर कंट्रोल सिस्टम लगा हुआ है. नाइट विजन से लैस है, जिसमें थर्मल इमेज के साथ ड्राइवर को नाइट साइट मिलती है. इसमें चार क्रू मेंबर तैनात हो सकते हैं, जिसमें कमांडर, गनर, लोडर और ड्राइवर शामिल हैं.

इसके साथ बता दें कि टैंक का इंजन और ट्रांसमिशन (पॉवर पैक) आयात किया गया है. इस टैंक के कुल 59 प्रतिशत कलपुर्जे आयातित हैं, जबकि एमके-1 में 63 आयातित उपकरण इस्तेमाल किए गए थे. आने वाले सालों में आयातित उपकरणों की मात्रा कम की जाएगी.