भोपाल। मध्यप्रदेश में लॉकडाउन रिटर्न पर एक बार फिर सियासत जारी है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में एक साल बाद भी आज अस्पतालों में न इलाज हो रहा है और न अस्पतालों में बेड है. स्वास्थ्य सेवाएं बदतर और बदहाल स्थिति में, मौतों के आँकड़े निरंतर बढ़ते जा रहे हैं.
दरअसल, शनिवार को प्रदेश के 12 जिलों में लॉकडाउन लगाने के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में फैसला लिया गया. जिसके कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक ट्विट कर सीएम शिवराज सिंह जमकर निशाना साधा. उन्होंने लिखा कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में एक वर्ष बाद भी आज भी अस्पतालों में न इलाज, न बेड, न दवाई, न इंजेक्शन, न ऑक्सीजन हैं. स्वास्थ्य सेवाएं बदतर और बदहाल स्थिति में, मौतों के आंकड़े निरंतर बढ़ते जा रहे हैं. अराजकता की स्थिति है. सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है. शिवराज सरकार ने एक वर्ष में सिर्फ झूठ परोसने के अलावा कुछ भी नहीं किया.
एक वर्ष पूर्व मार्च में देश भर में लॉक डाउन इसलिये लगाया गया था क्योंकि कोरोना से निपटने को लेकर हमारी स्वास्थ्य सेवाएँ संबंधी तैयारियाँ अधूरी थी , हमें कोरोना से लड़ने के सारे इंतज़ाम करना थे , जबकि कांग्रेस की सरकार गिराने के लिये व नमस्ते ट्रम्प के आयोजन के लिये वह निर्णय..
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 10, 2021
शिवराज के पास कोई कार्ययोजना नहीं
कमलनाथ ने कहा कि अभी भी सरकार के पास कोरोना से निपटने की कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है. एक वर्ष बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज समाधान की बजाय सुझाव माांग रहे हैं. यह है शिवराज सरकार में एक वर्ष बाद भी प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और वास्तविकता.
केंद्र सरकार पर भी कमलनाथ का निशाना
पूर्व सीएम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक साल पहले मार्च में देशभर में लॉकडाउन इसलिए लगाया गया था, क्योंकि कोरोना से निपटने को लेकर हमारी स्वास्थ्य सेवाएं संबंधी तैयारियां अधूरी थी. हमें कोरोना से लड़ने के सारे इंतजाम करने थे, जबकि कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए और नमस्ते ट्रम्प जैसे आयोजनों के लिए वह निर्णय भी विलंब से लिया गया. जिसका देश ने खामियाजा भी भुगता.
इन शहरों में टोटल लॉकडाउन
बता दें कि राज्य सरकार ने शनिवार को बढ़ते कोरोना वायरस के कारण प्रदेश के 12 शहरों में लॉकडाउन लगा दिया है. इंदौर शहर, राऊ नगर, महू नगर, शाजापुर और उज्जैन जिले के सभी शहरों में 19 अप्रैल सुबह 6 बजे बजे लॉकडाउन बड़ा दिया गया है. वहीं बड़वानी, राजगढ़, विदिशा ज़िलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 19 अप्रैल सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन जारी रहेगा. इसके अलावा बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में और जबलपुर शहर में 12 अप्रैल की रात से 22 अप्रैल की सुबह तक लॉकडाउन लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
तेजी से बढ़ रहे कोरोना के आंकड़े
पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 4 हजार 986 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं, जहां कोरोना से 24 लोगों की मौत हो चुकी है. इंदौर में 912, राजधानी भोपाल में 736, जबलपुर में 369 और ग्वालियर में 323 संक्रमित मरीज सामने आए हैं. हालांकि इस वायरस 2 हजार 741 मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए हैं. हालांकि प्रदेश में 3 लाख 27 हजार से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं. अबतक 2 लाख 95 हजार 339 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. वहीं अबतक 4 हजार 160 लोगों की मौत हो चुकी है.
15 महीने की थी कमलनाथ की सरकार
बता दें कि 15 साल के संघर्ष के बाद सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार 15 महीने में गिर गई थी. 20 मार्च 2020 को प्रदेश में भारी बहुमत के साथ कांग्रेस पार्टी ने कमलनाथ को अपना मुख्यमंत्री चुना था, लेकिन सियासी ड्रामेबाजी के कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में आई सरकार के मुखिया कमलनाथ ने 20 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
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