लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप अब भी जारी है. प्रदेश में शनिवार को पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 34,626 नए मामले सामने आए हैं,जिसके बाद यूपी में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 3,10,783 हो गयी है, इसके अलावा बीते 24 घंटे में यूपी में कोरोना से 332 लोगों की मौत हुई है.

राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण से उपजे हालात सुधार के बजाय और गंभीर होते जा रहे हैं. मौतों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. यहां पिछले 24 घंटों में 4 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए. डॉक्टरों का कहना है कि अभी तीन हफ्ते लखनऊ के अहम हैं. मगर जिस तरह अस्पतालो में बेड, ऑक्सीजन और जीनवरक्षक दवाओं की कमी है, उससे लखनऊ की सांसे उखड़ रही हैं.

उत्तर प्रदेश में शनिवार से 18 से 44 साल के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो चुकी है. पहले चरण के तहत उन सात जिलों में टीकाकरण की शुरुआत हुई है, जहां पर संक्रमण के 9 हजार से अधिक मरीज हैं. ये जिले लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ और बरेली हैं .मगर टीकाकरण की ये शुरुआत कितनी सफल है इसका अंदाजा इसी बात से लगाए कि, वैक्सीन ही पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं. 40 लाख से ज्यादा आबादी वाला कानपुर और 30 लाख से ज्यादा आबादी का लखनऊ, टीकाकरण के लिए सभी जिलों में सिर्फ 3 हजार डोज पहुंचाई गई हैं.

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राजधानी लखनऊ पर कोविड की दूसरी लहर का प्रकोप इस कदर टूटा है कि हर दिन कोई ना कोई बड़ा अस्पताल ऑक्सीजन न होने के कारण अपने हाथ खड़े कर देता है. जिससे मरीज के परिजनों में अफरा तफरी का माहौल बन जाता है. ऑक्सीजन प्लांट के बाहर सिलेंडरों के लिए लंबी लाइनें और घंटों की वेटिंग लोगों को अंदर तक तोड़ देती है. वैसे घंटों की वेटिंग सिर्फ ऑक्सीजन प्लांट के बाहर ही नहीं बल्कि शमशान घाटों के बाहर भी है. जहां अपनों को खोने के गम में डूबे लोगों के पास अंतिम संस्कार के लिए और ज्यादा पैसे लुटाने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता.

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