रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग एक स्थायी निर्देशों के तहत सुरक्षा निधि लेने का प्रावधान है. हर वर्ष बीते 12 महीने के उपयोग किए गए बिजली की औसत खपत की गणना कर अक्टूबर में अतिरिक्त सुरक्षा निधि के अंतर की राशि ली जाती है. इसकी गणना प्रचलित टैरिफ के आधार पर नियमानुसार पहले से जमा सुरक्षा निधि को घटाकर की जाती है. जितनी राशि का अंतर होता है, उतनी अतिरिक्त सुरक्षा निधि की देयता बनती है.

उल्लेखनीय है कि सुरक्षा निधि राशि उपभोक्ता की स्वतः की विभाग के पास रखी राशि होने के कारण विभाग ब्याज भी देता है, जो वर्तमान में 4.25 प्रतिशत पर देय है. बिजली की आपूर्ति पहले की जाती है एवं माह भर में उपयोग किये गये बिजली का बिल का भुगतान अगले माह की जाती है. अतः वार्षिक औसत खपत का न्यूनतम दो माह की सुरक्षा निधि प्रावधानित है. अलग-अलग उपभोक्ताओं का कनेक्टेड लोड अलग-अलग होता है एवं तदानुसार उनकी खपत में भी भिन्नता रहती है.

जिनकी वार्षिक औसत खपत कम होगी उसी अनुसार उनकी सुरक्षानिधि राशि भी कम होती है. जबकि अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं की सुरक्षा निधि राशि भी अधिक रहेगी. इस प्रकार वार्षिक औसत खपत के आधार पर अलग-अलग उपभोक्ताओं के सुरक्षा निधि राशि में भिन्नता होती है.

उदाहरण के तौर पर यदि एक उपभोक्ता का कनेक्टेड लोड 280 वाट है और इस साल की औसत खपत यूनिट 280 है. तदानुसार बिलिंग राशि रू 1426 होगी. जिस पर गणना के आधार पर रू. 490 की अतिरिक्त सुरक्षा निधि राशि की देयता बनती है. जो बिलिंग राशि का कुल 34 प्रतिशत है. यह प्रतिशत खपत के आधार पर भिन्न-भिन्न उपभोक्ताओं के लिये भिन्न- भिन्न होगी.

विभाग में यह भी सुविधा है कि उपभोक्ता चाहें तो अतिरिक्त सुरक्षा निधि राशि का भुगतान इन्स्टालमेन्ट में भी किया जा सकता है. जिस पर किसी प्रकार की पेनाल्टी/सरचार्ज की देय भी नहीं है. साथ ही उपभोक्ता अपने संशय के समाधान हेतु विभाग से सीधे संपर्क कर निराकरण प्राप्त कर सकते है. इस हेतु उपभोक्ता मुख्यालय स्तर पर ईमेल [email protected] द्वारा भी अपनी बात रख सकते है एवं दूरभाष नं 0771-2576750 पर संपर्क कर सकते है.