सत्यपाल राजपूत, रायपुर. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ यूपी में एफआईआर दर्ज की गई है. इसको लेकर बवाल मचा हुआ है. एफआईआर के विरोध में सोमवार को एनएसयूआई ने राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी के पुतले फूंके गए.

एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि सीएम बघेल के खिलाफ दर्ज एफआईआर के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के पुतले दहन किया गया. उत्तर प्रदेश में सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर पूरी तरह से गलत है. उसका विरोध कर रहे हैं. अमित शर्मा ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ हजारों की भीड़ में सभा कर रहे हैं. उस पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है ?

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बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को सोरखा गांव के साथ ही अन्य स्थानों पर नोएडा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक के लिए डोर टू डोर चुनावी प्रचार कर रहे थे. इस दौरान उनके साथ काफी संख्या में कांग्रेसी समर्थक भी थे. कोरोना को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक डोर-टू-डोर चुनावी प्रचार में पांच लोग से अधिक नहीं जा सकते हैं. आरोप है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ काफी संख्या में समर्थक डोर-टू-डोर प्रचार में पंखुड़ी पाठक के समर्थन में वोट मांगने गए. चुनाव आयोग की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप में सेक्टर-113 थाने में दादरी के उपजिलाधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है.

वहीं सीएम भूपेश बघेल ने उत्तर प्रदेश में दर्ज मुकदमा को लेकर बड़ा बयान दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा कि मेरी अपनी सुरक्षा का घेरा, उत्तर प्रदेश का पुलिस महकमा और फिर मीडिया के दर्जनों साथी. उस पर गांव की तंग गलियां और लोगों का कांग्रेस के प्रति उत्साह. सीएम बघेल ने लिखा कि ‘कुल जमा चार लोग मेरे साथ थे पर भीड़ दिखने लगी और मा. राजनाथ जी के बेटे के ख़िलाफ़ प्रचार करें तो इतना तो होगा. #FIR #DoorToDoor.’ भूपेश बघेल ने लिखा आज देखा कि ‘लड़ने वाली लड़की कैसी होती है. विजयी भव!’