बिलासपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बिलासपुर प्रवास पर थे. बिलासपुर में उन्होंने कई विकास कार्यों की सौगात जनता को दी. इस दौरान रोचक नजारा तब देखने को मिला, जब डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्लेनेटोरियम में ‘सीएम की पाठशाला’ लगी. ‘सीएम की पाठशाला’ के दौरान मुख्यमंत्री बघेल के व्यक्तित्व से प्रभावित एक छात्रा ने उनसे पूछा कि सर आपके जैसा बनने के लिए मुझे क्या करना होगा? तब सीएम भूपेश ने बच्ची को रोचक जवाब दिया.

बच्चे एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर काफी उत्साहित थे, तो दूसरी ओर इन स्कूली विद्यार्थियों ने इस मौके को भुनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी और मुख्यमंत्री बघेल से सीधे सवाल करते हुए अपनी जिज्ञासा को शांत किया. संवेदनशील मुख्यमंत्री बघेल ने भी एक शिक्षक और पालक की तरह ही बच्चों से खुलकर बातचीत की.

बिलासपुर में नवनिर्मित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्लेनेटोरियम में लगी ‘सीएम की पाठशाला’ के दौरान मुख्यमंत्री बघेल के व्यक्तित्व से प्रभावित एक छात्रा ने उनसे पूछा कि ‘सर आपके जैसा बनने के लिए मुझे क्या करना होगा?’ इस पर मुस्कुराहट के साथ मुख्यमंत्री ने बड़ी सहजता से जवाब दिया कि, ”कभी आपके सामने कोई चुनौती आए उससे भागना नहीं चाहिए, पलायन करना कोई समस्या का समाधान नहीं है, समस्या का सामना करना चाहिए. आपसे समस्या का समाधान नहीं हो रहा है तो अपने बड़ों से, गुरु से पूछें. लेकिन जब तक समाधान न मिल जाए इस दिशा में लगातार प्रयास करना चाहिए.

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वहीं दूसरी बात यह कि चीजों को सरलतापूर्वक लेना चाहिए. स्वयं के भीतर दूसरों के मदद की प्रवृत्ति विकसित करें. छात्रा ने तत्काल दूसरा सवाल किया कि, ‘सर आपके आदर्श कौन हैं?’ इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने थोड़ा ठहरते हुए कहा कि, हिंदुस्तान में इतनी विभूतियां हैं कि किसी एक का नाम लेना उचित नहीं होगा, लेकिन यदि मैं आध्यात्मिक रूप से कहूं तो रामकृष्ण परमहंस जी हैं. राजनीतिक रूप से कहूं तो पूर्व सांसद स्व. चंदूलाल चंद्राकर रहे हैं, जिनकी उंगली पकड़कर राजनीति की शुरुआत हुई. फिर दिग्विजय सिंह मिल गए और प्रदेशाध्यक्ष बना तो राहुल गांधी का बड़ा योगदान रहा.’

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वहीं शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरकण्डा की कक्षा 11वीं की छात्रा चंचल राजपूत ने मुख्यमंत्री से पूछा कि मेरा अगले साल बोर्ड एग्जाम है, तो मुझे कैसे पढ़ाई करनी चाहिए. इस पर सीएम बघेल ने कहा कि सबसे पहले अपने ऊपर से दबाव हटा दीजिए. आप प्रतिदिन पढ़ाई करेंगे तो परीक्षा के दिनों में दवाब में नहीं आएंगे. आपको यदि एग्जाम फीवर से बचना है तो, आपको पहले ही दिन से पढ़ाई करनी होगी. प्रतिदिन टाईम टेबल बनाकर सभी विषयों को पढ़िए.

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शहीद अविनाश शर्मा शासकीय कन्या विद्यालय की छात्रा संध्या वर्मा ने अपने स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पहले धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि स्मार्ट स्कूल बनने के बाद स्कूल में कई तरह की सुविधाएं मिलने लगी हैं. फिर छात्रा संध्या वर्मा ने मुख्यमंत्री बघेल से पूछा कि, ‘सर आपका स्कूली जीवन किस तरह का रहा है और आपने कैसे पढ़ाई की है?’ इस सवाल पर वहां मौजूद सभी विद्यार्थियों में उत्सुकता के भाव के साथ खिलखिलाहट गूंज उठी.

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मुख्यमंत्री ने भी चेहरे पर मुस्कुराहट लिए जवाब दिया, ‘बेटा, मैंने तो प्राथमिक शिक्षा शासकीय स्कूल से पढ़ाई की. मैंने कक्षा तीसरी से ग्राम बलौदी में अकेले रहकर पढ़ाई की. छठवीं से आगे की पढ़ाई मर्रा गांव में की, जहां ग्यारहवीं तक की पढ़ाई की. यहां आवागमन का साधन नहीं था. रोजाना पांच किलोमीटर पैदल आवागमन करते थे. बारिश के दिनों में बाढ़ की स्थिति में तैरकर जाते थे.’

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‘सीएम की पाठशाला’ के दौरान कई और विद्यार्थियों ने भी रोचक सवाल मुख्यमंत्री बघेल से किए, जिनका लगातार सहजता से जवाब मुख्यमंत्री ने दिया.