नई दिल्ली। भारत की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नायाब तोहफा दिया है, जिसका काफी चर्चा हो रही है. उपहार में दी गई ‘कृष्ण पंखी’ चंदन की लकड़ी से बना है, जिसके इसके किनारों पर कलात्मक आकृतियों के माध्यम से भगवान कृष्ण की विभिन्न मुद्राओं को दर्शाया गया है.
दक्षिण भारत के जंगलों में मिलने वाली चंदन की लकड़ी पर राजस्थान के चुरु में कुशल कारीगरों ने ‘कृष्ण पंखी’ का निर्माण किया है. इसमें कलाकारों ने अपने पारंपरिक उपकरणों के जरिए ‘पंखी’ को उकेरा गया है. इसके शीर्ष पर हाथ से नक्काशी कर मोर की आकृति बनाई गई है. यह जालीदार कृष्ण पंखी की कीमत वैसे ही शुद्ध चंदन की लकड़ी की वजह से काफी ज्यादा होती है, इस पर पीढ़ियों की विरासत को अपने साथ लिए सिद्ध कलाकारों की कलाकारी इसे अपने आप में अनमोल बना देती है.
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5 ट्रिलियन येन निवेश का भरोसा
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली आये हुये हैं. फुमियो किशिदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने के अलावा 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उन्होंने भारत में निवेश की घोषणा करते हुये कहा कि जापान अगले पांच वर्षों में भारत में निवेश लक्ष्य को बढ़ाकर 5 ट्रिलियन येन या 3.2 लाख करोड़ रुपये कर देगा.
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आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा
14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान किशिदा ने कहा कि हमारे दोनों देशों को खुले और मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए प्रयास बढ़ाने चाहिए. इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी टिप्पणी करते हुये कहा कि जापान और भारत मिलकर इस दिशा में लगातार काम करेंगे कि जल्द से जल्द युद्ध समाप्त हो जाए. भारत-जापान आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रगति समृद्धि और साझेदारी भारत-जापान संबंधों के आधार हैं.
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