चंडीगढ़। मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को हुई सनसनीखेज हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने कहा कि मुख्य साजिशकर्ता जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने आरोप कबूल किया है. एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) के प्रमुख (ADGP) प्रमोद बान ने यहां मीडिया को बताया कि लॉरेंस ने कबूल किया कि युवा अकाली नेता विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए पिछले साल अगस्त में सिद्धू मूसेवाला को मारने की योजना बनाई गई थी, क्योंकि मिद्दूखेड़ा के मर्डर में मूसावाला का लिंक भी सामने आ रहा था. उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, पहली गिरफ्तारी 30 मई को हुई थी.
हत्या में एके सीरीज की राइफलों का इस्तेमाल
29 मई को सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई थी. इसके बाद कनाडा में रह रहे गैंगस्टर गोल्डी बराड़, जो बिश्नोई गिरोह का सदस्य है, उसने हत्या की जिम्मेदारी ली थी. AGTF के ADGP प्रमोद बान ने कहा कि शूटर्स 25 मई को अपराध स्थल मूसा गांव के पास मानसा पहुंचे थे. पंजाब पहुंचने पर उन्हें कुछ हथियार मुहैया कराए गए. उन्होंने बताया कि हत्या में एके सीरीज की राइफलों का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने गुरुवार को कहा कि आज हमने बलदेव उर्फ निक्कू को गिरफ्तार किया है, जो अपराध की रेकी करने में केकड़ा (संदीप सिंह) के साथ था. अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली के तिहाड़ जेल से पूछताछ के लिए लॉरेंस को लाया गया है पंजाब
AGTF के ADGP प्रमोद बान ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि निक्कू ने केकड़ा के साथ इलाके का मुआयना किया, मूसेवाला का पीछा किया और शार्प शूटरों को संकेत दिया. इसके अलावा गोल्डी बराड़ और सचिन बिश्नोई को फोन करके मारे गए गायक की गतिविधियों के बारे में रीयल-टाइम अपडेट देने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई, जिसे पंजाब पुलिस पिछले सप्ताह ही दिल्ली के तिहाड़ जेल से मानसा पूछताछ के लिए आई थी, उसने खुलासा किया कि हत्या की योजना पिछले साल शुरू हुई थी. उसने गोल्डी बराड़, सचिन बिश्नोई (थापन) और उसके छोटे भाई अनमोल के साथ साजिश रचने की बात कबूल की है. हत्या से पहले कम से कम तीन रेकी की गई थी. जनवरी में शूटरों के एक अन्य समूह ने मूसेवाला के घर का दौरा किया था.
मूसेवाला को मिद्दुखेड़ा की हत्या का आरोपी मानता था लॉरेंस बिश्नोई
प्रमोद बान ने कहा कि हत्या के पीछे का मकसद (जैसा कि बिश्नोई ने स्वीकार किया है) मिद्दूखेड़ा की हत्या का बदला लेना था. हमारी जांच के अनुसार, मिद्दुखेड़ा की हत्या में मूसेवाला का हाथ सामने नहीं आया था. लॉरेंस गिरोह द्वारा उसकी हत्या में मूसेवाला की भूमिका के बारे में बस एक धारणा थी. प्रमोद बान के अतिरिक्त महानिदेशक ने कहा कि पुलिस को विभिन्न गतिविधियों में गिरोह की मदद करने वाले सहयोगियों, हथियार आपूर्तिकर्ताओं, फाइनेंसरों और अन्य लोगों का विवरण मिला है. विभिन्न जिला पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई ने अपने भाई अनमोल और अपने करीबी सहयोगी सचिन थापन को बचाने के लिए एक सुनियोजित साजिश रची, ताकि वह और उसके सहयोगी मर्डर केस से ना जुड़े.
पिछले साल बनी मूसेवाला की हत्या की योजना
एडीजीपी प्रमोद बान ने कहा कि इस योजना को अंजाम देने के लिए उसने अपने भाई अनमोल बिश्नोई और भतीजे सचिन थापन के फर्जी विवरणों पर पासपोर्ट हासिल किया और इस हत्या को अंजाम देने से पहले उन्हें देश से भगा दिया. उसने उन्हें विदेश में भेजा, जहां से वे इस अपराध को देखे बिना या दोषी ठहराए बिना समन्वय, सुविधा और सफलतापूर्वक अंजाम दे सकते थे. अनमोल बिश्नोई का आपराधिक इतिहास रहा है और उसके खिलाफ 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह जोधपुर जेल में था, जहां से उसे 7 अक्टूबर 2021 को जमानत पर रिहा कर दिया गया था. उसने फर्जी विवरण के तहत अपना पासपोर्ट हासिल किया था.
लॉरेंस बिश्नोई ने अपने करीबियों को विदेश भगाया
इसी तरह, लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी और 12 आपराधिक मामलों के साथ आपराधिक अतीत वाले सचिन थापन ने भी फर्जी विवरण के तहत आरपीओ दिल्ली द्वारा जारी पासपोर्ट प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की. पूछताछ के दौरान किए गए खुलासे के आधार पर 20 जून को लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के खिलाफ एक अलग मामला दर्ज किया गया था. एडीजीपी प्रमोद बान ने कहा कि इस गठजोड़ में अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए एक गहरी जांच की जाएगी, जिसमें आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति आरपीओ दिल्ली से फर्जी विवरणों पर पासपोर्ट प्राप्त करने और देश से भागने का प्रबंधन करते हैं. उन्होंने कहा कि हमने उनके प्रत्यर्पण के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है.
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हथियारों की हुई ‘डेड ड्रॉप’ डिलीवरी
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला को गनमैन समेत मर्डर करने की साजिश रची गई थी. अगर मूसेवाला के साथ सिक्योरिटी होती, तो पहले हथियारों से अटैक किया जाता, जरूरत पड़ती तो मूसेवाला की गाड़ी ग्रेनेड से उड़ा दी जाती. यह खुलासा दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के पकड़े शार्प शूटर प्रियवर्त फौजी ने पूछताछ में किया. वहीं मूसेवाला पर हमले के लिए हथियारों की ‘डेड ड्रॉप’ डिलीवरी हुई थी, जिसमें हथियार लेने और देने वाला एक-दूसरे को नहीं जानता. यह हथियार पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भेजे जाने की आशंका है.
सनसनीखेज खुलासों ने चौंकाया
ये भी खुलासा हुआ है कि पहले सिद्धू मूसेवाला की हत्या उनके घर में ही करने की साजिश थी. इसके लिए शूटर्स फैन बनकर भी उनके घर पहुंचे, लेकिन गेट पर सिक्योरिटी व्यक्ति और गिफ्ट की चेकिंग करती थी, ऐसे में हथियार अंदर ले जाना संभव नहीं था. इसके बाद घर के अंदर ग्रेनेड फेंकने की साजिश रची गई. पुलिस वर्दी में घर में घुसकर हत्या की भी साजिश रची गई, लेकिन बाद में सारे प्लान को बदल दिया गया.
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