हेमंत शर्मा,इंदौर। मप्र के इंदौर की राउजी बाजार थाना पुलिस ने बैंक गारंटी और डीडी में हेराफेरी कर करोड़ों का गबन करने वाले शराब ठेकेदारों पर केस दर्ज कर लिया है. इसके साथ ही आबकारी अफसरों की भूमिका की जांच शुरू हो गई. बड़े अफसरों की भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध मानी जा रही थी. प्रमुख सचिव ने मामले में जांच बैठा दी है.
इंदौर की रावजी बाजार पुलिस ने मोहन कुमार राय निवासी वेलवर्थ डोडा बालापुर मेन रोड़ बैंगलुरु और अनिल सिन्हा निवासी वेलवर्थ बैंगलुरु के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक मामले में सहायक जिला आबकारी अधिकारी राजीव मुद्गल द्वारा लिखित जांच रिपोर्ट पेश की गई है.
राजीव मुद्गल ने बताया कि दोनों ने वर्ष 2022-23 के लिए टेंडर डालकर एमआइजी क्षेत्र में शराब का ठेका आवंटित करवाया था. इसके लिए अर्नेस्ट मनी और बैंक गारंटी रखी. आरोपियों ने सात हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट बनवाया जिसे हेराफेरी कर 70 लाख रुपये का बना दिया. इसी तरह 47 हजार की बैंक गारंटी को 4.70 करोड़ की बनाकर जमा करवा दी.
इस मामले में अफसरों ने जांच की और दुकान लाइसेंस जारी कर दिया. इस मामले में डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी और असिस्टेंट कमिश्नर राजनारायण सोनी की भूमिका की जांच हो रही है. हालांकि अफसरों ने मिलीभगत से साफ मना किया. उन्होंने कहा कि जांच करवा कर केस दर्ज करवाया गया है.
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