कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर जिला उपभोक्ता फोरम (District Consumer Forum) के अध्यक्ष की पत्नी की कोरोना से मौत के मामले में फोरम ने बड़ा आदेश जारी किया है। कंज्यूमर फोरम ने निजी हॉस्पिटल पर 12 लाख 37 हजार रुपए का हर्जाना लागाया है। कोरोना के इलाज में दवाओं का अतिरिक्त पैसा जोड़ने के मामले में फोरम ने यह फाइन (Fine) लगाया है।
दरअसल, ग्वालियर उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अरुण सिंह तोमर की पत्नी कोविड-19 से संक्रमित हो गई थी, उन्होंने पत्नी को ग्वालियर के गोले का मंदिर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन इलाज के दौरान 19 अप्रैल 2021 को उनकी मौत हो गई। जब उन्होंने इलाज के दस्तावेज लिए तो इसमें 21 हजार रुपए के 16 इंजेक्शन लगाना बताया गया, जबकि इंजेक्शन मरीज को लगाए ही नहीं गए थे। उन्होंने अस्पताल से पूरी जानकारी ली, जिसमें सामने आया कि बिल में 74 हजार रुपए ऐसी दवाओं के पैसे जोड़े गए, जो उनकी पत्नी को दी ही नहीं गई थी। साथ ही उनकी पत्नी के गहने चोरी और होम्योपैथिक के डॉक्टर मनोज सोनी से एलोपैथी का इलाज कराने का भी आरोप लगा था। अरुण सिंह तोमर और उनके बेटे राघवेंद्र सिंह तोमर ने निजी अस्पताल के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में दावा पेश किया।
अरुण सिंह तोमर ग्वालियर में उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष के पद पर हैं, इसलिए यह दावा ग्वालियर में नहीं सुना जा सकता था, लिहाजा राज्य उपभोक्ता फोरम ने इस मामले को शिवपुरी में स्थानांतरित कर दिया, जहां इसकी सुनवाई हुई। राघवेंद्र तोमर की ओर से अधिवक्ता मनोज उपाध्याय ने पैरवी की। सुनवाई के बाद फोरम ने आदेश दिया कि निजी अस्पताल 11 लाख 77 हजार 560 रुपए अप्रैल 2021 से 7 फीसद ब्याज के साथ देगा। साथ ही मानसिक परेशानी के लिए 50 हजार रुपए और 10 हजार रुपए केस लड़ने का खर्च भी देना होगा। ऐसे में निजी अस्पताल को 12 लाख 37 हजार 560 रुपये देने होंगे।
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