कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर (Gwalior) में सड़क पर चक्का जाम करने वाली आठ आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज हो गई है। गोले का मंदिर पुलिस ने 8 आशा कार्यकर्ताओं (ASHA workers) के खिलाफ हाईकोर्ट (High Court) की गाइडलाइन के तहत केस दर्ज किया है। रविवार दोपहर 300 से ज्यादा आशा कार्यकर्ताओं ने मेला रोड पर चक्का जाम कर दिया था। महिला आशा कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर एक घंटे तक नारेबाजी की थी।
चक्का जाम के चलते कार्यक्रम से लौट रहे मंत्री और अधिकारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। वीडियो फुटेज के आधार पर गोले का मंदिर थाने में 8 आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस अब वीडियो फुटेज के आधार पर चक्काजाम में शामिल अन्य आशा कार्यकर्ताओं को भी नामजद करने की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि आशा कार्यकर्ता अपनी वेतन विसंगतियों को लेकर पिछले 2 महीने से आंदोलन कर रही हो।
कमलनाथ ने साधा निशाना
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया आशा उषा कार्यकर्ताओं के प्रति अत्यंत दुर्भावनापूर्ण है। प्रदेश भर में आशा उषा कार्यकर्ता पिछले 1 महीने से लगातार हड़ताल पर हैं और सरकार इनकी मांगें मानना तो दूर इनसे बातचीत भी नहीं कर रही है। सरकार के इस रवैये से आशा कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है।
कल ग्वालियर में अपनी वाजिब मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रवास के दौरान अपना मांग पत्र देना चाहा तो उनके साथ अपराधियों की तरह सुलूक किया गया और उनके ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज कर लिए गए। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वे सबसे पहले आशा कार्यकर्ताओं से माफी मांगे, उनकी जायज मांगे स्वीकार करें और उन पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लें।
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