कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) में सड़कों पर छाए अंधेरे से परेशान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradhuman Singh Tomar) सोमवार को नगर निगम दफ्तर (municipal office) पहुंच गए। जहां उन्होंने लगभग आधा घंटे बंद कमरे में निगम कमिश्नर (municipal commissioner) से चर्चा के बाद उन्हें अल्टीमेटम दिया है। यह अल्टीमेटम शहर में बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट (Street lights) और बदहाल सड़को (Road) को लेकर है। मंत्री तोमर ने 10 दिन में बंद पड़ी सभी स्ट्रीट लाइट को चालू करने के साथ बदहाल सड़को को दुरुस्त करने के निर्देश दिए है।

दरअसल, ग्वालियर शहर में स्मार्ट सिटी (smart City) ने लगभग 26 करोड़ रुपये की लागत से 62 हजार एलईडी लाइट खरीदी थी। बावजूद इसके स्मार्ट सिटी इसका प्रबंधन ठीक से नहीं कर पाया। हालात यह है कि ग्वालियर में स्ट्रीट लाइटों की बत्ती गुल हो चुकी है। शाम ढलते ही शहर अंधेरे में डूब जाता है। शहर में 10-20 नहीं बल्कि 5000 से ज्यादा स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है। जिसके कारण सड़क हादसों के साथ अपराधों में भी बढ़ोत्तरी देखने मिल रही है।

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निगम दफ्तर पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह का कहना है कि शहर में स्ट्रीट लाइट बंद होने से अंधेरा छाया रहता है। साथ ही बदहाल सड़कों के कारण हादसों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में निगम कमिश्नर से बातचीत करने के बाद उन्हें कहा गया है कि वह 10 दिन के अंदर बंद पड़ी सभी स्ट्रीट लाइट को चालू करें। साथ ही बदहाल सड़कों को भी दुरुस्त करें। वहीं निगम कमिश्नर हर्ष सिंह का कहना है कि स्ट्रीट लाइट को लेकर स्मार्ट सिटी में नए टेंडर जल्द खुल रहे हैं। कोशिश यही है कि टेंडर खुलने के साथ ही आगामी 10 जून से स्ट्रीट लाइट के चालू होने का काम शुरू हो जाएगा।

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गौरतलब है कि स्ट्रीट लाइट मामले को लेकर जिला कांग्रेस भी जमकर प्रदर्शन कर रही है। वहीं निगम परिषद में भी पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही इस मामले को लेकर जमकर हंगामा करते हुए अधिकारियों को दोषी बताया है। मामले में निगम सभापति भी परिषद के जरिए निर्देश दे चुके हैं कि शहर की स्ट्रीट लाइट को जल्द से जल्द चालू किया जाए। ऐसे में अब देखना होगा कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर के दिए गए अल्टीमेटम के बाद बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट कब तक चालू होती हैं। साथ ही बदहाल सड़कों की सूरत क्या बदल पाएगी ?

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