आधिकारिक तौर पर भारत ने अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाया. हर तरफ स्वतंत्रता दिवस का जश्न दिखा. इस साल स्वतंत्रता दिवस की थीम, आजादी का अमृत महोत्सव के साथ ‘नेशन फर्स्ट, ऑल्वेज फर्स्ट’ यानी ‘राष्ट्र पहले, हमेशा पहले’ थी.
इसी कड़ी में शेमारू उमंग के कलाकारों ने भी अपने इस ख़ास दिन को मनाने की तैयारियों में कई दिनों से जुटे हुए थे. आइये हम आपको बताते है कि कैसे आरती सिंह, अंकित बठला, मनीष रायसिंघन ने कैसे इस साल अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाया और उन्होंने क्या-क्या कहा.
शेमारू उमंग के शो ‘श्रवणी’ में मुख्य भूमिका निभा रही अभिनेत्री आरती सिंह ने इस स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि “स्वतंत्रता दिवस मेरे लिए बहुत मायने रखता है. इस दिन मेरी वो यादें ताज़ा हो जाती हैं जब मैं बच्ची थी और मुझे बड़ी उत्सुकता से 15 अगस्त का इंतज़ार होता था.
मेरे लिए यह सिर्फ हमारे देश का बड़ा दिन नहीं है, बल्कि यह इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन मेरे पिताजी का जन्मदिन होता है.
शेमारू उमंग के शो ‘कुंडली मिलन’ के मुख्य कलाकार अंकित बठला ने इस 76वें स्वतंत्रता दिवस को लेकर कहा कि, “15 अगस्त हमारे देश की आजादी के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और पूर्वजों द्वारा किए गए अविश्वसनीय प्रयासों की एक शक्तिशाली याद दिलाता है.
अगली पीढ़ी के रूप में हमारी भी बड़ी भूमिका है. यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने देश को अशिक्षा और गरीबी जैसे मुद्दों से मुक्त करें और भारत को और भी बेहतर बनाएं. उन्होंने कहा कि मुझे आज भी याद है बच्चों में यह दिन मेरे लिए बहुत ख़ास होता था चूंकि मेरा स्कूल नहीं होता था और पापा की भी ऑफिस की छुट्टी हुआ करती थी, साथ ही छोले पूरी, आलू पूरी, या कढ़ी चावल जैसी विशेष दावत भी होती थी. सुबह-सुबह, दादी के साथ, मैं लाल किले पर झंडा फहराने और अद्भुत प्रदर्शन देखने के लिए टीवी के सामने बैठ जाता था. इस साल, मैं ‘कुंडली मिलन’ शो की शूटिंग शेड्यूल के साथ पूरे गर्व से हर घर तिरंगा मिशन में शामिल हुआ. मैंने सभी को तिरंगे को घर लगाने के लिए प्रेरित भी किया.
शेमारू उमंग के शो ‘क्योंकि तुम ही हो’ में अहम भूमिका निभाने वाले अभिनेता मनीष रायसिंघन ने कहा “स्वतंत्रता केवल एक शब्द नहीं है, यह एक भावना है जो हमें एक व्यक्ति के रूप में और एक एकजुट राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने के लिए सशक्त बनाती है. एक भारतीय के रूप में, मुझे इस स्वतंत्रता पर बहुत गर्व है. पुरानी यादों को ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि हमसब स्कूल में मिलकर चम्मच और नींबू दौड़ जैसे खेल खेलते थे, जिसके बाद हमें जीतने पर प्राइज भी मिलता था.