सियोल। आखिरकार 65 साल के बाद दुनिया उस ऐतिहासिक लम्हे की गवाह बनी, जिसकी कल्पना भी कुछ महीनों पहले किसी ने नहीं की थी. दरअसल उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे से मुलाकात की. दोनों देशों के बीच की दुश्मनी जगजाहिर है. इसके बावजूद किम जोंग ने इस नए रिश्ते की शुरुआत की पहल की है, जो पूरी दुनिया के लिए सकारात्मक खबर है.

उत्तर और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति हाथों में हाथ लिए दिखाई दिए, जो वाकई हैरान करने वाली घटना थी. बता दें कि उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग अपने मिसाइल परीक्षणों के लिए दुनियाभर में बदनाम रहे हैं. वे लगातार अपनी मिसाइलों को लेकर विश्व के कई देशों को डराते रहे हैं, जिनमें से दक्षिण कोरिया भी एक है. गौरतलब है कि अभी किम जोंग आने वाले समय में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं, जिसमें उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों के बारे में बातचीत होनी है.

बता दें कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया दोनों देशों के प्रमुखों की मुलाकात पानमुनजोम में हुई. किम जोंग ने विजिटर बुक में भी लिखा- ‘नए इतिहास की शुरुआत’. किम जोंग ने मुलाकात से पहले पहले लिखा कि ”हम आज उस शुरूआती पंक्ति पर हैं जहां से शांति, समृद्वि और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का एक नया इतिहास लिखा जाएगा”.

दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने बताया कि इस बेहद निजी मुलाकात के दौरान किम जोंंग ने अपने समकक्ष मून जाई इन से कहा कि वे दशकों से चले आ रहे बैर को समाप्त करने के लिए एक बैठक में आए हैं. उत्तर कोरियाई नेता ने यह भी कहा कि वह सिओल में राष्ट्रपति के ब्लू मून हाऊस की यात्रा के इच्छुक हैं.

इससे पहले दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच साल 2000 और 2007 में मुलाकात हुई थी, लेकिन उनमें उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की दिशा में कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं हो सकी थी.

65 साल बाद मुलाकात

बता दें कि दोनों नेताओं के बीच वार्ता किम जोंग के एमडीएल पार करने के लगभग 45 मिनट बाद सुबह 10.15 बजे शुरू हुई. वह 1950-1953 का कोरियाई युद्ध समाप्त होने के बाद ऐसा करने वाले उत्तर कोरिया के पहले नेता बन गए हैं.