रायपुर. पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश गुरुवार शाम को राजिम पहुंचा. वहां मंत्रोच्चार के बीच अस्थि कलश की पूजा की गई और उसे लेकर बृजमोहन अग्रवाल और प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक नाव से नदी के बीचो बीच गए. वहां उन्होंने अस्थियों को विसर्जित कर दिया. इस दौरान अटल अमर रहें के नारे लगे. जिस घाट पर अटल जी की अस्थियों को विसर्जित किया गया उसे अटल घाट नाम दे दिया गया है.

अस्थि कलश यात्रा में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि तीन नदियों के संगम में विश्व नेता छत्तीसगढ़ के नेता अटल बिहारी वाजपेयी को आज हम विदाई दी रहे है..हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि छत्तीसगढ़ निर्माता की अस्थियां आज त्रिवेणी के संगम के विसर्जित हो रही है. सभी राजनीतिक दलों ने उनको याद किया.अटल जी शारीरिक रूप से चले गए है लेकिन जब तक हिंदुस्तान रहेगा तब तक अटल जी हमारे बीच रहेंगे. अगर आज हमारे गांव सड़को से जुड़ी है तो उसका श्रेय अटल जी जाता है. परमाणु पोखरण परीक्षण करके उन्होंने भारत की ताकत को दुनिया को दिखाया. अगर आज छत्तीसगढ़ विकास की ओर बढ़ रहा है तो अटल जी के कारण हो रहा है. इस घाट का नाम अटल जी के नाम पर होगा आज मैं ये घोषणा करता हूँ.

मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि आज भारत का जो स्वरूप है उसका श्रेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को जाता है. भारत यदि आगे बढ़ रहा है तो वो अटल बिहारी वाजपेयी के वजह से है. अटल जी की मेहनत की वजह से छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ. छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को अटल ने सामने लाया. पूरा छत्तीसगढ़ उनको कभी नही भूल पायेगा. आज इतिहास बन रहा है. आज इस पवित्र जगह से अटल जी को हम विदाई दी रहे है.

सांसद रमेश बैस ने कहा कि आज अटल युग समाप्त हो रहा है. देश का हर राजनीतिक दल के लोग अटल जी को श्रद्धांजलि दी रहे है. मुझे 6 साल अटल जी के साथ काम करने का मौका मिला. वो कुछ भी बोलते थे उस समय वो काफी सहज रहते थे..राजनीति के आजाद शत्रु थे अटल जी. पक्ष विपक्ष सभी के चहेते थे. परिवार की भांति वो हमें सलाह देते थे. जब मंत्री था तब वो मुझे पूछते थे मन्त्रालय तो ठीक चल रहा है ना अगर कोई तकलीफ हो तो मुझे बताना. वो काफी उदार नेता थे.