मुंबई। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (RNEL) को खरीदने वालों की रेस में शामिल नवीन जिंदल के स्वामित्व वाले जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपीएल) ने कंपनी को हासिल करने के लिए नया दांव आजमाया है, जिसके तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में कंपनी की समाधान प्रक्रिया पर रोक लगाने आवेदन दिया है.

अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने 2015 में पिपावाव डिफेंस एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग लिमिटेड का अधिग्रहण किया. बाद में इसका नाम बदलकर रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (RNEL) कर दिया गया. इस कंपनी पर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.

जेएसपीएल ने समाधान प्रक्रिया पर रोक लगाने के साथ ही ट्रिब्यूनल से आरएनईएल की लेनदारों की समिति पर कंपनी की बेचने संबंधी बोली लगाने पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाने की मांग की है. याचिका के अनुसार, नवी मुंबई स्मार्ट सिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर ने ऋण चुकौती में चूक की है, और इसे गैर-निष्पादित संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया था जब यह मर्चेंट के निर्देशन में था.

बता दें कि 17 मार्च को स्वान एनर्जी के साथ साझेदारी रखने वाली कंपनी हेजल मर्केंटाइल की संकल्प योजना को मंजूरी दिलाते हुए लेनदारों की समिति ने 95 प्रतिशत बोली के साथ हिस्सेदारी हासिल करने की सहमति दे दी है. उधारदाताओं ने बाद में इसे विजेता बोली लगाने वाला करार देते हुए एक आशय पत्र भी जारी किया था.

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इधर जेएसपीएल ने अपनी याचिका में स्वान एनर्जी पर आईबीसी की धारा 29ए के प्रमुख उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा है कि एक विलफुल डिफॉल्टर है या दिवालिया हो चुका व्यक्ति संकल्प योजना को प्रस्तुत करने के योग्य नहीं है. जेएसपीएल कंपनी समाधान प्रक्रिया के अंतिम दौर में एक आवेदकों में से एक थी.

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जेएसपीएल के अनुसार, स्वान एनर्जी के प्रबंध निदेशक निखिल मर्चेंट आरएनईएल के लिए समाधान योजना प्रस्तुत करने के समय नवी मुंबई स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड में निदेशक थे. जबकि नवी मुंबई स्मार्ट सिटी निखिल गांधी द्वारा प्रवर्तित कंपनी है, जो रिलायंस नेवल के प्रमोटर भी थे.