धमतरी। आज बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता पद्मश्री अनुपम खेर कुरूद पहुंचे. यहां उन्होंने वंदे मातरम परिवार और स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के प्रयास से आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए.

‘सफलता के मूलमंत्र और अनुशासन’ पर व्याख्यान

अनुपम खेर ने कुरूद के नई मंडी में आयोजित “सफलता के मूलमंत्र और अनुशासन” पर व्याख्यान दिया और अपने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव साझा किए. अनुपम खेर ने स्कूली बच्चों और लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लाइफ में कुछ भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमेशा इस बात को ध्यान में रखकर काम कीजिए. उन्होंने कहा कि वे जनसमूह को देखकर काफी खुश हैं.

उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब एक लंगोटी पहना हुआ आदमी देश को आजाद करा सकता है, तो कुछ भी हो सकता है.

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि एक गरीब बच्चा पढ़-लिखकर देश का प्रधानमंत्री बन सकता है, तो कुछ भी हो सकता है. अनुपम खेर ने कहा कि वे पढ़ाई में बहुत खराब थे, लेकिन उनकी रुचि फिल्मों में थी और उन्होंने जीवन में 508 फिल्मों में काम किया. उन्होंने कहा कि वे जो चाहते थे, उसे पाने के लिए उन्होंने कडी़ मेहनत की.

अनुपम खेर ने कहा कि गिरने के डर से कमजोर नहीं बनें, क्योंकि हर विफलता सफलता की सीढ़ी होती है, बस कोशिश करना नहीं छोड़ना चाहिए.

अनुपम खेर ने छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

हास्य कवि डॉ सुरेंद्र दुबे ने जमाया रंग

गौरतलब है कि कार्यक्रम की शुरुआत की छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हास्य कवि डॉ सुरेंद्र दुबे ने.. उन्होंने स्कूली बच्चों और कार्यक्रम में शामिल लोगों को अपने चिर-परिचित अंदाज से खूब हंसाया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ संस्कारों की धरती है. उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा को संस्कारों से जोड़ने वाला बताया.

बहुत कम लोगों के पास होता है अपना दृष्टिकोणः अजय चंद्राकर

वहीं स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत कम लोगों के पास अपना दृष्टिकोण होता है, इसलिए उस नजरिए को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने की कोशिश जरूर करनी चाहिए. अजय चंद्राकर ने कहा कि देश के युवा अपनी भूमिका तय करें और सकारात्मक कार्यों को करने के लिए आगे बढ़ें.