जयपुर. जोधपुर जेल में बंद बापू आसाराम के फैसले की घड़ी करीब आ गयी है ऐसे में उन्‍हें अब भगवान से ही उम्‍मीद है. दरअसल, जोधपुर के कलेक्टर ने जब आसाराम से पूछा, ‘फैसले के बारे में क्या सोच रहे हो बापू, तो आसाराम ने कहा ‘होई है वहीं जो राम रचि राखा.’ आसाराम पर चल रहे नाबालिग से दुष्कर्म मामले में बुधवार 25 अप्रैल को जोधपुर कोर्ट की ओर से जोधपुर सेंट्रल जेल में ही फैसला सुनाया जाएगा. इसके लिए जेल में ही कोर्ट रूम बनाया गया है.

लागू है धारा 144, जेल में ही लगेगा कोर्ट
आसाराम के समर्थक भले ही फैसले के दिन शांति बनाए रखने का दावा कर रहे हों लेकिन राजस्थान पुलिस को आशंका है कि फैसले के दिन कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, इसलिए अभी से जोधपुर में धारा 144 लगा दी गयी है और फैसले के दिन कोर्ट भी जेल में ही लगेगी और जेल के अंदर ही फैसला सुनाया जाएगा.

होई है वही जो राम रचि राखा

जोधपुर के जिला कलेक्टर रविकुमार सुरपुर व पुलिस उपायुक्त अमनदीप सिंह सेंट्रल जेल में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे थे. इस दौरान कलेक्टर ने पूछा कि फैसले को लेकर क्या सोच रहे हो तो इस पर आसाराम ने कहा ‘होई है वही जो राम रचि राखा.’

अहिंसा में यकीन

आसाराम ने कहा, ‘कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो उन्हें मंजूर होगा.‘ उन्होंने कहा कि वो और उनके समर्थक गांधीवादी विचारधारा के है और अहिंसा में यकीन रखते हैं. वहीं जेल प्रशासन की माने तो आसाराम के चेहरे पर फैसले को लेकर कोई शिकन नहीं है. हां, उत्सुकता जरूर है.

जोधपुर के चप्‍पे–चप्‍पे पर पुलिस तैनात

इस बीच फैसले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस मुख्यालय से पुलिस बल की छह कंपनियां भेजी गई है. जोधपुर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है. होटलों और धर्मशालाओं की सघन जांच की जा रही है. आसाराम के आश्रम को खाली करा लिया गया है और पूरी जांच के बाद ही निजी वाहनों और बसों को जोधपुर में प्रवेश दिया जा रहा है. रेलवे स्टेशन पर भी कड़ी जांच की जा रही है.

दिल्ली से राजस्थान तक अलर्ट
दिल्ली समेत राजस्थान तक में फैसले के बाद कोई अव्यवस्था नहीं फैले इसके लिए दोनों राज्यों की सरकारों ने पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं. दिल्ली पुलिस के अधिकारी यूपी और हरियाणा पुलिस से भी संपर्क बनाए हुए हैं. पुलिस लोकल इंटेलिजेंस के जरिए आसाराम के आश्रमों और उनके समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रखने का दावा कर रही है.

पीड़िता के घर की सुरक्षा बढ़ी
आसाराम के समर्थकों व पुलिस के बीच कई बार झड़पें हुईं हैं. आसाराम अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें अधिकतम 10 साल कारावास की सजा भुगतनी पड़ सकती है. वहीं, यूपी में भी पीड़िता के घर के आसपास सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. पुलिस ने बताया कि पीड़िता के परिजनों की लगातार निगरानी की जा रही है. अधिकारी परिवार वालों के संपर्क में हैं. पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी न्यायपालिका में पूरी आस्था है और उन्हें इस बात का यकीन है कि न्याय जरूर मिलेगा. इस महीने की शुरुआत में जोधपुर की विशेष अदालत में न्यायमूर्ति मधुसूदन शर्मा ने अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की अंतिम बहस सुनी और आदेश 25 अप्रैल के लिए सुरक्षित कर दिया था.

यौन उत्‍पीड़न का है आरोप

यूपी के शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की द्वारा कथित तौर पर आसाराम बापू पर जोधपुर स्थित अपने आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए गए थे. आश्रम में जिस समय पीड़िता रह रही थी तब वह 16 साल की थी. दिल्ली के कमला मार्केट थाने में यह मामला दर्ज कराया गया था और उसके बाद जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया. उन पर पॉक्सो और एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कानून की धाराएं लगाई गई हैं. आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं.