रायपुर. विधानसभा का 5 दिवसीय मानसून सत्र आज से प्रारंभ हो गया है. चौथी विधानसभा का यह आखिरी सत्र है. सत्र के पहले दिन दिवंगत पूर्व सदस्यों को सदन में श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान सदन में उपस्थित सदस्यों ने दिवंगत पूर्व सांसद केयरभूषण, पूर्व मंत्री हेमचन्द्र यादव एवं पूर्व मंत्री विक्रम भगत को याद करते हुए उनके बारे में अपने विचार रखे.

डॉ. रमन सिंह,मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दिवगंत नेताओं को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जिस सादगी के साथ हेमचंद यादव ने जीवन जिया, उनकी अद्भुत क्षमता उनके भीतर थी. उनकी अजातशत्रु की भूमिका थी. उनका कोई शत्रु नहीं रहा. संगठन के विभिन्न पदों पर काम करते हुए उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभाई. हमने तय किया कि ऐसे व्यक्ति की हमेशा छाप बनी रही, इसलिए दुर्ग विश्वविद्यालय का नाम उनके नाम पर किया.

सीएम ने कहा कि केयूर भूषण के साथ एक युग समाप्त हो गया. हमने गांधी जी को काम करते नहीं देखा, लेकिन केयूर भूषण जी को गांधी के सिद्धांतों को लेकर काम करते देखा.17 साल की उम्र में जेल गए थे. 90 साल की उम्र में भी महीने में कम से कम एक बार आकर मुझे मार्गदर्शन देते थे.डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विक्रम भगत जशपुर के एक सशक्त नेतृत्वकर्ता रहे हैं. वो एक मिसाल थे.

टीएस सिंहदेव,नेता प्रतिपक्ष

वही नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस विधायक दल की ओर से दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि हेमचंद के साथ मुझे विधानसभा में काम करने का मौका मिला था. जब वे मंत्री थे तो हमने क्षेत्र के संबंध में उनसे अपनी बातें रखी, हमेशा उन्होंने मुस्कुराते हुए हमारी बात सुनी. कभी ऐसा लगने नहीं दिया कि हम दूसरे दल के सदस्य हैं.

टीएस सिंहदेव ने कहा कि केयूर भूषण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. छत्तीसगढ़ी साहित्यिक क्षेत्र में उनकी भूमिका अग्रणी रही है. 14 साल की उम्र में महात्मा गांधी के आह्वान पर असहयोग आंदोलन के तहत अपनी गिरफ्तारी दी. सबसे कम उम्र के बंदी के रूप में उनका नाम रहा. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें नजरबंद रखा गया. इस बीच टीएस सिंहदेव ने विक्रम भगत को याद करते हुए कहा कि विक्रम भगत 45 सालों तक राजनीतिक जीवन मे रहे. उन्हें भी हम श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं.

अजय चंद्राकर, संसदीय कार्यमंत्री

संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि हेमचंद यादव के साथ रहने से हम कभी टूटे नहीं. बिखरे नहीं. विपरीत परिस्थितियों में भी वह कहते थे सब ठीक हो जाएगा. उनका जाना मेरे जैसे कई लोगों के लिए व्यक्तिगत क्षति है.

केयूर भूषण राजनीतिक और साहित्यिक जीवन के इनसाइक्लोपीडिया थे.अनुसूचित जातिवर्ग के विक्रम भगत बड़े सीनियर नेता थे, उनके साथ जिस तरीके की भी राजनीतिक घटना घटी चाहे कारण कुछ भी रहा हो, वह भीतर से टूट गए थे. उसके बाद वह सार्वजनिक जीवन में नहीं दिखे. धर्मांतरण विरोधी कानून लाने में वह बड़े हस्ताक्षर थे.

भूपेश बघेल, विधायक

दिवंगत नेताओं को याद करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि तीनों नेताओं को मैं अपनी ओर से श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूं. तीनों में एक समानता थी. तीनों सरल-सहज थे. उनका जाना छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी क्षति रही है.

बृजमोहन अग्रवाल, मंत्री

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज हेमचंद यादव की कमी विधानसभा में महसूस होती है. हमारी राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक साथ हुई थी, उन्हें कभी परेशान होता नहीं देखा. उन पर पक्ष-विपक्ष का कोई भी नेता आरोप नहीं लगा सकता. दस बीस लाख लोगों में एकाध ही ऐसा नेता पैदा होता है. उनके स्थान को भर पाना मुमकिन नहीं है. केयूर भूषण जी के साथ हमारा लंबा जुड़ाव रहा. अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को मंदिरों में प्रवेश कराया. ऐसे गांधीवादी नेता का जाना एक युग का समाप्त होना है. विक्रम भगत सरलता और सादगी के प्रतीक थे.

सत्यनारायण शर्मा, विधायक

वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि हेमचंद यादव की सरलता और सादगी हम सबके लिए नजीर है. केयूर भूषण में विनोबा भावे की अमिट छाप थी.

प्रेमप्रकाश पांडेय,मंत्री

मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि हेमचंद का व्यक्तित्व दो विपरीत ध्रुवों को एक साथ लेकर चलने वाला रहा है. राजनीति के साथ प्रशासनिक कामकाज में भी उनकी दक्षता थी. 1993 में जब उन्हें पहली बार टिकट दिया गया] तब उन्होंने मुझसे कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा टिकट वापस कर दीजिए. दो घंटे समझाने के बाद उन्होनें टिकट लिया.

बता दें कि विधानसभा का मानसून सत्र 2 से 6 जुलाई तक चलेगा. इस दौरान 5 बैठकें आयोजित की गई है. 3 जुलाई को अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. 4 जुलाई को इस पर चर्चा होगी. इसी दिन विनियोग विधेयक भी पेश किया जाएगा. इस सत्र में 389 तारांकित प्रश्न लगाए गए हैं. इसके अलावा दो अशासकीय संकल्प प्राप्त हुए हैं. विधानसभा परिसर में 14 फीट ऊंची स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का 5 जुलाई को अनावरण किया जाएगा. वहीं प्रेक्षागृह में श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अर्ध प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा. सत्र के दौरान ही वरिष्ठ पत्रकारों का सम्मान किया जाएगा. विधानसभा का अंतिम सत्र होने के कारण विदाई समारोह समेत अनेक औपचारिक काम काज भी होंगे.