रायपुर। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नौकरी और कॉलेजों में एडमिशन में दिए गए 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण को हाईकोर्ट के खारिज किए जाने सियासत तेज हो गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है, वहीं भाजपा के आदिवासी नेताओं ने राज्य सरकार पर हाईकोर्ट में सही तरीके से पक्ष नहीं रखने का आरोप लगाया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा ने आनन-फानन में बिना तैयारी आरक्षण को 58 प्रतिशत किया था. आरक्षण रद्द होने पर यहाँ के लोगों को नुक़सान है. मामला कोर्ट में लंबित था. कोर्ट को सही तरीक़े से दस्तावेज नहीं दिए थे. 12 साल से ज्यादा हो गया लंबित था. भाजपा ने बिना तैयारी के जो लागू किया था, उसका खामियाजा हम लोग भुगत रहे हैं.

विषय की गंभीरता को नहीं समझा

भाजपा के आदिवासी नेताओं ने आरक्षण पर प्रेस कांफ्रेंस के जरिए सरकार पर मामले को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया. वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने कहा कि एसटी आरक्षण 32 से घटकर 20 फीसदी आरक्षण होने से हमें दुख है. राज्य सरकार ने विषय की गंभीरता को नहीं समझा. भ्रष्टाचार छुपाने के लिए सरकार बड़े-बड़े वकीलों को लगाती है. 50-50 लाख एक दिन वाले वकील को सरकार देती है.

उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य होने के कारण ही अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य बनाया था. सरकार की लापरवाही की वजह से आरक्षण कम हुआ है. यह सरकार आदिवासियों को प्रमुख नहीं मानती है.

सरकार के कदम के पीछे षड्यंत्र

वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम का बयान कहा कि एसटी आरक्षण पर हमारी सरकार रहते कोई दिक्कतें नहीं हुई. कांग्रेस सरकार के आते ही एसटी समाज के ऊपर खतरा मंडराने लगा है. इस सरकार के रहते हमारे अस्तित्व पर भी संकट है. नान घोटाले में फंसे अधिकारियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा था, उसी दिन दोनों की सुनवाई थी. सरकार बताए कि आरक्षण को बचाने के लिए कितने वरिष्ठ वकीलों को लगाया गया था. इसके पीछे जरूर कोई षड्यंत्र है, जिसकी वजह से फैसला हमारे पक्ष में नहीं आया है.

आदिवासियों से मांगनी चाहिए माफी

प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सरकार को अपना पक्ष रखना चाहिए. सरकार अपने भ्रष्टाचारी अफसरों को बचाने के लिए करोड़ों खर्च कर मंहगे वकील रख ही है, वहीं इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. मुख्यमंत्री को इस मामले में आदिवासियों से माफी मांगना चाहिए. पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने आदिवासियों के हित में सरकार के फेल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए. आज सरकार की नाकामी की वजह से एसटी का आरक्षण कम हुआ है.

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