सावधान ! अगर आप बाजार में चमकते और साफ सुथरे फल को देखकर खरीदने की लालसा रखते हैं, तो सावधान हो जाइए. चमकदार फल आपके सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं. फल को ताजा दिखाने के लिए उसके ऊपर फफूंदनाशी की लेप चढ़ाई जा रही है.
सेब की फसल तय मौसम में आती है. हालांकि ये सालभर बाजार में उपलब्ध रहते हैं. कारण, विशेष परत चढ़ाकर और कोल्ड स्टोरेज में रखकर इन्हें तरोताजा बनाए रखा जाता है.
हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी और कनाडा की मेकमास्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने उत्तर भारत के इलाकों से ऐसे सेब के सैंपल लिए, जिन्हें बेंचे जाने से पहले स्टोर किया गया था. इसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, बाजार में बिकने वाले सेब में से 13% पर कैंडिडा ऑरिस नामक फंगस (फफूंद) मिला है. दरअसल, सेब को ताजा बनाए रखने के लिए फफूंदनाशक का इस्तेमाल होता है. इससे ऐसे घातक बग को पनपने का मौका मिलता है, जिस पर कोई दवा भी असर नहीं करती.
शोध में हुई पुष्टि
दिल्ली और कनाडा की मेकमास्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि कि बाजार में बिकने वाले सेब पर कैंडिडा ऑरिस नामक फफूंद लगा होता है. शोध के मुताबिक सेब को ताजा रखने के लिए फफूंद नाशक दवाई की एक परत चढ़ाई जाती है, जिससे लंबे समय तक सेब चमकदार और ताजा दिखाई देता है. सिर्फ सेब ही नहीं कई फलों में इसका इस्तेमाल होने जाने लगा है.
इसके सेवन से कान और रक्त नलिकाओं में फैल जाएगा संक्रमण
अगर आप गलती से भी सेब या किसी भी फल में लगे दवाई को बिना हटाए खाते हैं, तो इसका सीधा असर आपके कान में हो सकता है या फिर रक्त नलिकाओं में इसका सक्रंमण फैलते देर नहीं लगेगा. शोध रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि सक्रंमण फैल जाने के बाद एंटीफंगल दवाएं भी काम नहीं करती.
जानिए आप क्या कर सकते हैं ?
- फल अगर ज्यादा चमक रहा है तो उसे हल्के गर्म पानी से धोकर खाएं
- फल को बिना धोए कभी न खाएं
- संभव हो तो पानी में सिरका मिलाकर भी फल धो सकते हैं.
- अच्छे साफ कपड़े से रगड़कर पोछने से भी दवाई का लेप निकल जाता है.
जापानी महिला में हुई थी कैंडिडा ऑरिस की पुष्टि
कैंडिडा ऑरिस की पहचान 2009 में जापान की एक महिला में हुई थी. उसके बाद से यह भारत समेत कई देश कनाडा, दक्षिण अफ्रिका, स्पेन, नार्वे और जर्मनी में मिल चुका है.