नई दिल्ली. देश के सभी बैंक के कर्मचारी आज से दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए है. इनमें सरकारी बैंकों के अलावा कुछ निजी व विदेशी बैंकों के तकरीबन 10 लाख कर्मचारी शामिल है. कर्मचारी वेतन वृद्धि को लेकर मांग कर रहे है.  इसका असर कई राज्यों में साफ तौर पर दिखाई देगा. सरकारी बैंकों और एटीएम पर ताले लग गए हैं. जिसकी वजह से लोगों को परेशानियों का सामने करना पड़ रहा है.

देश में हड़ताल से बैंकिंग व्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. लेकिन इसका सबसे ज्यादा खामियाजा सरकारी बैंकों को उठाना पड़ सकता है. सरकारी क्षेत्र के 17 बैंकों को पिछली तिमाही में 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का घाटा हो चुका है. ये बैंक आगे का काम चलाने के लिए सरकार से अतिरिक्त वित्तीय मदद मांग रहे हैं. ऐसे में दो दिनों की हड़ताल से इन पर वित्तीय दबाव और बढ़ सकता है. एनपीए वसूली जैसी गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा.

आज से बैंको की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल शुरू हो गया है. देश के कई राज्यों में इसका साफ असर दिखाई दे रहा है. जगह-जगह पर बैंक कर्मचारी सड़कों पर उतर गए है. बैंक के भी सामने प्रदर्शन कर रहे है. वेतन में वृद्धि की मांग कर रहे है.

आपकों ये भी बता दें कि कैश के मामले में एटीएम व बैंक के भरोसे रहने वाले सभी लोगों के लिए यह जरूरी खबर है. कि 30 और 31 मई को बैंक बंद रहने की वजह से एटीएम सर्विस प्रभावित हो सकती है. दो दिन एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है.

इस हड़ताल से बैंक ग्राहकों पर भी असर पड़ेगा. हड़ताल महीने के अंतिम दो दिनों में हो रही है, इन दो दिनों में तमाम सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है. हड़ताल के चलते इसमें देरी हो सकती है. बैंक कर्मचारियों के तमाम संगठनों का शीर्ष संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस  और केंद्र सरकार के बीच इस हड़ताल को टालने के लिए बुलाई गई वार्ता असफल साबित हुई है.