हम सालों से काला नमक का इस्तेमाल करते आ रहे हैं, लेकिन इसके बनने के प्रोसेस के बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे ही हमारे किचन में काला नमक बहुत ज्यादा मिलता है, लेकिन हमें ये नहीं पता है कि आखिर इसे कैसे बनाया जाता है. ज्यादातर लोगों को लगता है कि जिस तरह से सेंधा नमक सीधे उपलब्ध होता है उसी तरह से काला नमक भी होता होगा, लेकिन ऐसा नहीं है. काला नमक भी कई तरह के प्रोसेस से होकर गुजरता है.

कहां से आता है काला नमक ?

काला नमक जिसे हिमालयन ब्लैक साल्ट (Himalayan Black Salt) कहते हैं, हिमालय के आस-पास के इलाकों से ही आता है. ये मुख्यत: सोडियम क्लोराइड (sodium chloride) से बना होता है. साथ ही इसमें कई तरह के इंग्रीडिएंट्स जैसे- ग्रेफाइट आदि होते हैं. ज्यादातर लोगों को लगता है कि नमक हमेशा पानी से बनता है. लेकिन ये सही नहीं है. रॉक सॉल्ट पत्थर या जमीन से बनता है और सेंधा नमक, काला नमक आदि इसके प्रकार हैं.

काला नमक बनाने का तरीका

अभी तो हमने बात की प्राकृतिक रूप से निकले काले नमक की, लेकिन ये खाने लायक नहीं होता है और इसे सिर्फ सोडियम क्लोराइड के पत्थर के तौर पर जाना जा सकता है. हालांकि, इसे बनाने का एक अलग प्रोसेस भी है. काला नमक भट्टी के अंदर जलाकर एक रासायनिक क्रिया के माध्यम से भी बनाया जाता है. चीनी मिट्टी के बर्तन में चारकोल के साथ हरड़ के बीज, आंवला, बहेड़ा, बबूल छाल, नैट्रॉन आदि चीजों को मिलाया जाता है. तब बनता है काला नमक. इसका रंग काला होता है, लेकिन पीसे जाने पर ये गुलाबी दिखने लगता है. इसलिए अगर आप काले नमक का पत्थर खरीदते हैं तो ये अलग रंग का होता है. पाउडर बनने पर ये अलग रंग का होता है.

आयुर्वेदिक गुण

काला नामक में आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो सीने में जलन, सूजन और पेट फूलने की समस्या से निजात दिला सकता है. इसमें सोडियम की कम मात्रा होती है. काला नमक को पेट के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. यह पेट दर्द को दूर करने के साथ-साथ उल्टी, एसिडीटी और कब्ज जैसे समस्याओं को दूर करने में मदद करता है. अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है तो अपनी डाइट में काला नमक जरूर शामिल करें. ये उच्च रक्तचाप में बहुत कारगर साबित हो सकता है.

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