Bhadla Solar Park : जलवायु परिवर्तन (Climate Change) पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा मुद्दा है. ऊर्जा के नवीनीकरण स्रोत (Renewable Sources of Energy) को बढ़ाना आज हर देश के लिए जरूरी है और समय-समय पर इसे लेकर अपील भी की जाती है ऐसे में क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सबसे बड़ा सोलर पार्क और कहीं नहीं बल्कि भारत में ही मौजूद है? आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास कुछ खास बातें.
दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क (Bhadla Solar Park)
विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क और कहीं नहीं, बल्कि थार रेगिस्तान के बीच 14 हजार एकड़ में फैला हुआ है, हम दुनिया के जिस सबसे बड़े सोलर पार्क की बात कर रहे हैं वो है भड़ला सोलर पार्क. जहां बारिश न होने के कारण धरती बंजर है और खेती भी संभव नहीं है, ऐसे में जोधपुर से करीब 225 कि.मी. दूर नीले रंग के ये सोलर पैनल्स, ऊर्जा की दिशा में भारत का सबसे बड़ा प्रयास है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये पार्क इतना बड़ा है कि यहां मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम जैसे एक हजार से भी ज्यादा स्टेडियम बनाए जा सकते हैं. बता दें, इससे पहले कर्नाटक का पावागढ़ सोलर पार्क ही सबसे बड़ा था.
इंसान नहीं, रोबोट करते हैं सफाई (Bhadla Solar Park)
सोलर पावर के उत्पादन में धूल, एक बड़ी चुनौती है, लेकिन यहां इसे हटाने के भी शानदार इंतजाम हैं. हर दिन तेज हवाओं के चलते जो धूल जमा हो जाती है इसकी सफाई के लिए रोबोटिक क्लीनर बनाए गए हैं. ये रोबोट्स व्हील्स पर लगे सॉफ्ट माइक्रोफाइबर से व्हील्स को बिना पानी के ही चमका देते हैं.
लाखों घरों को मिल रही है बिजली
बता दें, यहां से 2.25 GW पावर नेशनल ग्रीन को सप्लाई की जाती है, जिससे लाखों घरों को बिजली मिलती है. ऐसे में भड़ला सोलर पार्क न सिर्फ घरों को रोशन कर रहा है, बल्कि इको फ्रेंडली होने के साथ-साथ पावर की लागत को भी काफी कम कर रहा है.
स्थानीय लोगों को भी मिला है रोजगार
भड़ला सोलर पार्क बनने के बाद इस क्षेत्र के युवाओं को भी काफी रोजगार मिला है, जो पहले सिर्फ सरकारी नौकरी या दूर जाकर खेती किया करते थे. इस पार्क के विकसित होने के बाद यहां टेक्नीशियन्स की मांग में भी बहुत बढ़ी है.
भारत को मिलती हैं सूरज की बेशुमार किरणें
भारत में साल भर सूरज की बेशुमार किरणें मिलती हैं, अगर दिन के हिसाब से देखें, तो 330 से 350 दिन तक सूरज की पर्याप्त रोशनी रहती है यानी हर दिन लगभग 5 घंटे, ऐसे में सोलर पावर बनाने में काफी मदद मिलती है. बता दें, जब सूरज की किरणें मॉड्यूल्स के सेल्स से टकराती हैं, तब इलेक्ट्रॉन्स काम करना शुरू करते हैं, जिससे डायरेक्ट करंट बनता है और सोलर पैनल्स की वायरिंग में कैद हो जाता है.
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