काशी विश्वनाथ मंदिर में जनता को संबोधित करने के बाद अंत में नरेंद्र मोदी ने ‘हर-हर महादेव’ का उद्घोष किया.  इसके बाद पीएम मोदी काशी विश्वनाथ से निकल कर सांस्कृतिक हस्ताकला संकुल की ओर रवाना हो गए. हस्तकला संकुल पहुंच कर वहां से पीएम मोदी महिलाओं को सम्मानित करने के साथ ही जनता को संबोधित करेंगे.

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से जनता को संबोधित कर रहे है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण में जमीन देने वालों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं उन सभी का आभारी हूं, जिन्होंने अपनी जमीन बाबा विश्वनाथ के समर्पित की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री नहीं था, तब भी यहां आता था और मुझे लगता था की यहां कुछ करना चाहिए. लेकिन भोले बाबा ने तय किया होगा कि बेटे बातें बहुत करते हो यहां आओ और कुछ करके दिखाओ और आज भोले बाबा के आशीर्वाद से वो सपना पूरा हो रहा है. भाषण के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें ये काम शुरू कर ऐसा लग रहा है कि जैसे ‘भोले बाबा ने उनसे कहा हो कि बेटे बात बहुत करते हो अब काम कर के दिखाओ’.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सदियों से काशी विश्वनाथ दुश्मनों के निशाने पर रहा, कितनी बार ध्वस्त हुआ, अपने अस्तित्व के बिना जिया. लेकिन यहां की आस्था ने इसे पुनर्जीवित किया और ये क्रम सदियों से चल रहा है. जब महात्मा गांधी यहां आये थे, तो उनके मन में भी ये पीड़ा थी की भोले बाबा का स्थान ऐसा क्यों है और बीएचयू के एक कार्यक्रम में बापू अपने मन की व्यथा बताने से खुद को रोक नहीं पाए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब मां गंगा को सीधे बाबा भोलेनाथ से जोड़ दिया गया है. अब श्रद्धालु गंगा स्नान करके सीधे भोले बाबा के दर्शन करने आ सकेंगे. पिछले कई सालों से भोले बाबा की चिंता किसी ने नहीं की, सभी ने अपनी-अपनी चिंता की. अच्छा हुआ कि भोलेबाबा ने हमारे भीतर एक चेतना जगाई. इसके कारण 40 से ज्यादा पुरातात्विक मंदिर इस पूरे धाम के अंदर से मिले. अब इन मंदिरों की मुक्ति का रास्ता भी खुला है. काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर करोड़ों देशवासियों की आस्था का स्थल है. लोग यहां इसलिए आते हैं कि काशी विश्वनाथ के प्रति उनकी अपार श्रद्धा है. उनकी आस्था को अब बल मिलेगा.

आगे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये काशी विश्वनाथ धाम, अब काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के रूप में जाना जायेगा. इससे काशी की पूरे विश्व में एक अलग पहचान बनेगी.