कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर में सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा विवाद मामले में 60 से 70 उपद्रवियों के खिलाफ शासकीय कार्य मे बाधा, बलवा सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. कोर्ट के आदेश के बाद प्रतिमा पर लगे शिलालेख को पुलिस द्वारा शनिवार रविवार की दरमियानी रात कवर जा रहा था. इस दौरान उपद्रवियों ने प्रदर्शन करते हुए पथराव कर दिया था. साथ ही डबरा के सिकरौदा तिराहे के पास हाईवे पर चक्का जाम लगाते हुए वाहनों की तोड़फोड़ भी की थी. जिसके चलते दोनों ही स्थानों पर पुलिस को उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग करते हुए अश्रु गैस के गोले दागने पड़े थे. तब कहीं जाकर उपद्रवी शांत हुए थे.
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मामले में वीडियो फुटेज के आधार पर 60 से 70 लोगों के खिलाफ कंपू थाने और बिलौआ थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही प्रतिमा स्थल के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती कर एक निरीक्षक को निगरानी रखने के लिए विशेष रूप से तैनात किया गया है.
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दरअसल, सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा ग्वालियर के चिरवाई नाके पर स्थापित की गई थी. प्रतिमा का अनावरण ग्वालियर नगर निगम के द्वारा ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर और कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिकरवार द्वारा किया गया था, लेकिन इस दौरान प्रतिमा पर सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर लिख दिया गया था. जिसको लेकर क्षत्रिय समाज द्वारा इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी. इसी बीच कुछ अज्ञात लोगों ने प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का भी प्रयास किया जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.
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सम्राट मिहिर भोज गुर्जर है या क्षत्रिय. इसको लेकर उपजे विवाद के चलते ग्वालियर के साथ मुरैना और भिंड में तनाव का माहौल बना हुआ है. यही कारण है कि मामले को लेकर जहां जिला प्रशासन द्वारा एक कमेटी बनाकर इतिहास के पहलुओं पर जांच की जा रही है. साथ ही मामले को लेकर एक याचिका मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में भी दायर की गई थी. जिस पर हुई सुनवाई में यह बात भी सामने निकल कर आई कि जब नगर निगम की परिषद में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को लगाने का ठहराव हुआ उस वक्त दस्तावेजों में इस बात को संबोधित किया गया था कि चिरवाई नाके पर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा लगाई जाएगी, लेकिन अब जब प्रतिमा को स्थापित किया गया तो प्रतिमा की शिला पट्टिका में उनका पूरा नाम गुर्जर सम्राट मिहिर भोज लिख दिया गया.
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यही कारण है कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किए हैं कि तत्काल शिला पट्टिका को ढका जाए, ताकि उपजे विवाद को शांत किया जाए. गौरतलब है कि मामले की अगली सुनवाई अब 20 अक्टूबर को होगी. इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई कमेटी को इस मामले से जुड़ी हुई अपनी रिपोर्ट सबमिट करनी होगी. जिसके बाद न्यायालय द्वारा इस मामले पर आगे निर्णय लिया जाएगा. बहरहाल शिला पट्टिका को हाइकोर्ट के निर्देश पर टीन शेड से कवर कर दिया गया हैं. पुलिसकर्मियों को भी 24 घण्टे के लिए तैनात कर दिया गया है.
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