धमतरी। यहां अतिक्रमण के खिलाफ रेलवे ने बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल रेलवे की 27 एकड़ जमीन पर 300 लोगों ने जबरदस्ती कब्जा कर रखा था. रेलवे ने बार-बार इन लोगों को नोटिस भी दिया था, लेकिन ये लोग यहां से कब्जा नहीं छोड़ रहे थे, जिसके बाद आज रेलवे यहां से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहा है.

बताया जा रहा है कि अतिक्रमण हटाकर रेलवे यहां गुड्स टर्मिनल बनाएगा. रेलवे को केंद्र शासन से धमतरी स्टेशन में गुड्स टर्मिनल निर्माण के लिए राशि हस्तांतरित हो गई है. टर्मिनल का निर्माण रोड से लगे स्थान पर संभावित है, जहां अभी 130 दुकानें संचालित थीं. इन दुकानों को हटाने के लिए महीनेभर पहले भी नोटिस जारी किया गया था.

बता दें कि सोमवार देर शाम रेलवे के अधिकारियों ने लाउडस्पीकर से घूम-घूमकर दुकानें खाली करने की चेतावनी भी दी थी. अधिकारियों ने सड़क किनारे के दुकानों का जायजा लिया था. नैरोगेज से ब्रॉडगेज में रेलवे लाइन को तब्दील करने के लिए रेलवे ये कवायद कर रहा है.

आज सुबह करीब 5 बजे से 250 पुलिस जवान और रेलवे के 200 जवान मौके पर तैनात हैं. 7 बजे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है, इससे वहां लोगों में खलबली मच गई है.

रेलवे विभाग के एडीएम जेपी मिश्रा, एएसपी केपी चंदेल, डीएसपी पंकज पटेल, कुरुद एसडीओपी, नगरी एसडीओपी, कोतवाली थानेदार संतोष जैन, आरआई धनेन्द्र ध्रुव समेत पुलिस लाईन से बड़ी संख्या में अफसरों को तैनात किया गया. वहीं जिला प्रशासन की ओर से डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.

गौरतलब है कि बिजली कनेक्शन काटने के बाद सीधे तोड़फोड़ की कार्रवाई होनी थी, लेकिन हाईकोर्ट के स्टे के चलते काम रुक गया था.

रायपुर रेलवे के पीआरआई तन्मय मुकोपाध्याय ने बताया कि धमतरी में टर्मिनल गुड्स निर्माण की कार्रवाई के लिए अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया गया है. कुल 130 दुकानें तोड़ना है, पर 37 लोगों ने हाईकोर्ट में स्टे लगाया है. इसलिए उनकी दुकानें नहीं तोड़ी गई हैं. कोर्ट में सुनवाई होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

इधर नगर निगम की मानें, तो शासन-प्रशासन से ऐसे 33 लोगों की सूची मिली है, जिनमें से 25 को पात्र बताया गया है. निगम द्वारा कोई सर्वे भी नहीं कराया गया. निगम ने कहा कि पात्र लोगों को मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत दुकानें उपलब्ध कराई जाएगी और दुकान वितरण से पहले इनसे शपथ पत्र भी भरवाया जाएगा.