नई दिल्ली। चुनाव सुधार की प्रक्रिया को गति देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में वोटर आईडी कार्ड से आधार कार्ड को जोड़ने के बिल को मंजूरी दी. चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर सरकार ने यह फैसला लिया है. जिसमें आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने का फैसला स्वैच्छिक होगा.

प्रस्तावित बिल में देश के युवाओं को हर साल चार अलग-अलग तारीखों पर खुद को वोटर के तौर पर रजिस्टर करने की इजाजत भी देगा. अब तक भारत निर्वाचन आयोग पात्र लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने की अनुमति देने के लिये कई ‘कटऑफ डेट्स’ की वकालत करता रहा है. चुनाव आयोग ने सरकार को बताया था कि एक जनवरी के कटऑफ डेट के चलते वोटर लिस्‍ट की कवायद से कई युवा वंचित रह जाते थे.

विधि एवं न्याय मंत्रालय ने हाल ही में संसदीय समिति को बताया था कि उसका जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 14 बी में संशोधन का प्रस्ताव है, जिससे पंजीकरण के लिये हर वर्ष चार कट ऑफ डेट एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई तथा एक अक्तूबर शामिल किया जा सके.